आधार, मनरेगा, आरटीआई... मनमोहन सिंह के 5 ऐतिहासिक फैसले जिन्होंने बदला भारत का भविष्य!
Manmohan Singh: डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर 2024) रात निधन हो गया. सिंह 1991 में उस समय देश के वित्त मंत्री बने, जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था. उनकी लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन (LPG) की नीतियों से अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव आया. देश संकट से तो उबरा ही, आज उसकी वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी धाक है. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे. उनके नेतृत्व में भारत ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें मनरेगा, शिक्षा का अधिकार (RTI), खाद्य सुरक्षा अधिनियम (FSA) और आधार जैसी योजनाएं शामिल हैं. एक नजर, मनमोहन सरकार के उन 5 कदमों पर जो भारत के इतिहास में मील का पत्थर बन गए.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)
2005 में लागू यह एमजीनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार गारंटी प्रदान करने के लिए शुरू की गई. इसका उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को हर साल 100 दिनों का काम उपलब्ध कराना था. इससे ग्रामीण गरीबों की आय में सुधार हुआ और ग्रामीण बुनियादी ढांचे का भी विकास हुआ. यह योजना भारत में गरीबी उन्मूलन की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई. साथ ही, यह ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने का भी माध्यम बनी.
आधार कार्ड योजना
2009 में शुरू हुई आधार योजना ने भारत में डिजिटल पहचान की एक नई परिभाषा दी. इसका उद्देश्य नागरिकों को एक यूनिक आईडी देना था, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके बैंक खातों तक पहुंचाया जा सके. (PHOTO: GOV Portal)
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE)
2010 में लागू किया गया यह अधिनियम 6-14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने की गारंटी देता है. इसने शिक्षा में असमानता को दूर करने और स्कूल छोड़ने की दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. (Photo : CAG of India Report)
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA)
2013 में लागू किया गया खाद्य सुरक्षा अधिनियम (Food Security Act) गरीबों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए एक क्रांतिकारी कदम था. इसके तहत, गरीब परिवारों को 1 से 3 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं, चावल, और मोटा अनाज दिया गया. (PHOTO: GOV Portal)
डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT)
मनमोहन सरकार ने 1 जनवरी 2013 को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) की शुरुआत की थी. इसका मकसद सब्सिडी और वित्तीय लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर करना है. यह योजना भ्रष्टाचार को कम करने, लीकेज रोकने, और लाभार्थियों को उनके हक तक सीधी पहुंच देने के लिए बनाई गई थी. आज एलपीजी सब्सिडी, पेंशन, मनरेगा के तहत मजदूरी, छात्रवृत्ति, फसल बीमा और कृषि सब्सिडी समेत तमाम फायदे जनता को सीधे उनके खातों में मिलते हैं.
मनमोहन सरकार के अन्य बड़े फैसले/योजना
परमाणु ऊर्जा सहयोग समझौता
2008 में भारत और अमेरिका के बीच हुए इस समझौते ने भारत को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में ग्लोबल मंच पर स्थापित किया. यह समझौता भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक गेम-चेंजर साबित हुआ और भारत को एडवांस न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी तक पहुंच मुहैया कराई.
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM)
2005 में शुरू किया गया NRHM ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए था. इस मिशन के तहत स्वास्थ्य केंद्रों का आधुनिकीकरण किया गया और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति हुई. इससे मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद मिली.
आर्थिक सुधार जीडीपी ग्रोथ
मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान भारत ने आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को जारी रखा. 2004 से 2008 तक भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 8-9% की दर से बढ़ी. इस दौरान एफडीआई नीतियों में सुधार किया गया और सूचना प्रौद्योगिकी और सेवाओं के क्षेत्र में खास प्रगति हुई.