Jharkhand Government: झारखंड सरकार का कहना है कि वह जनता के अधिकारों के लिए कानूनी विकल्प तलाशने को तैयार है. वहीं, बीजेपी ने राज्य सरकार को अपने संसाधन बढ़ाने की सलाह दी है. अब देखना होगा कि यह विवाद किस दिशा में जाता है और इसका झारखंड की जनता पर क्या असर होगा.
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रांची: साल 2024 के अंत में झारखंड में 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाये को लेकर राजनीति गर्मा गई है. राज्य सरकार के दावों को केंद्र द्वारा खारिज किए जाने के बाद से इस मामले पर सियासी टकराव बढ़ गया है. बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं.
बकाए को लेकर बीजेपी का दावा
भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बकाया रकम का दावा निराधार है. उन्होंने कहा कि अगर यह राशि बकाया होती, तो कांग्रेस सरकार के समय इसकी मांग की जाती. शिबू सोरेन जब कोयला मंत्री थे, तब इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया गया? मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनता को गुमराह करने की साजिश रच रहे हैं. राज्य सरकार को अपने संसाधन बढ़ाने और आय के नए साधन खोजने चाहिए.
भाजपा पर जेएमएम का पलटवार
इस पर जेएमएम के पूर्व विधायक मिथलेश ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार झारखंड के संघीय ढांचे को कमजोर करना चाहती है. उन्होंने दावा किया कि उनके पास बकाया राशि से संबंधित सभी दस्तावेज मौजूद हैं. ठाकुर ने कहा कि अगर केंद्र सरकार झारखंड को बकाया राशि नहीं देती, तो हम कानूनी विकल्प अपनाने पर मजबूर होंगे. यह धन राज्य के विकास और मूलभूत सुविधाओं के लिए जरूरी है. उन्होंने बीजेपी के सांसदों और विधायकों से इस मुद्दे पर केंद्र के सामने अपनी बात रखने की भी अपील की.
कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर बोला हमला
कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने इस मामले में भाजपा पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि दीपक प्रकाश राज्य की समस्याओं को समझने में असफल हैं. प्रधानमंत्री को लिखित रूप से यह स्पष्ट करना चाहिए कि झारखंड का कोयला रॉयल्टी और भूमि मुआवजा बकाया नहीं है. यदि ऐसा होता है, तो हम साबित करेंगे कि झारखंड का पैसा वास्तव में बकाया है.
झारखंड में गरमाई सियासत
इस मामले ने झारखंड की राजनीति को गर्मा दिया है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. जहां बीजेपी इसे राजनीति करार दे रही है, वहीं जेएमएम और कांग्रेस कानूनी लड़ाई के लिए तैयार दिख रहे हैं. केंद्र और राज्य के बीच इस विवाद का समाधान आने वाले दिनों में क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा.
इनपुट - धीरज ठाकुर
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