हरम में कहां से आती थीं औरतें, ऐसी जिंदगी जीती थीं बेगम, दासियां और किन्नर
Mughal Harem Hindu Women`s Life: मुगलों ने भारत में करीब 300 साल राज किया. इस समय मुगल हरम के काफी किस्से प्रचालित हैं. इतिहास के पन्नों पलटने पर मालूम होता है कि हरम में औरतें कहां से आती थीं और उनकी जिंदगी कैसी होती थी, तो चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं...
मुगल साम्राज्य के दौरान हिन्दुस्तान पर शासन करने वाले शासकों ने ऐश की जिंदगी जीना पसंद की थी. मुगल शासक के शान और आराम में कोई कमी न हो इसका खास ध्यान दिया जाता था. हिंदुस्ताम पर सदियों तक शासन करने वाले मुगलों ने देश के तौर-तरीके बदलने का प्रयास किया. जिसमें मुगल हरम का चलन भी शामिल हैय
मुगल सल्तन के चौथे शासक अकबर के शासनकाल में मुगल हरम के बारे में इतिहासकारों ने काफी कुछ लिखा है. बताया गया है कि अकबर के शासनकाल में मुगल हरम में 5 हजार से भी ज्यादा महिलाएं थीं. जिसमें उसकी तीन सौ बेगम, अन्य दासियां थीं. साथ ही, उनकी सुरक्षा के लिए हट्टे-काट्टे किन्नर मौजूद किए गए थे.
कहां से आईं थी औरतें-
मुगल हरम में बादशाह की बेगमें और उनकी दासियां थी. इसके अलावा उनके रिश्तेदार की औरतें और कुछ औरतें सम्राट को उपहार में तो कुछ औरतें सम्राट की पसंद की होती थीं. बताया जाता है कि अकबर के हरम में हिंदू महिलाएं भी थीं.
कैसी होती थीं औरतों की जिंदगी-
महिलाओं के पर्दा के सख्त नियमों को पालन करना होता था. साथ ही, औरतों को हरम के बाहर जाने की अनुमति नहीं होती थी जो भी औरत एक बार हरम में आ गई उसका बाहरी दुनिया से कोई लेना-देना नहीं था. लेकिन कई औरतें सम्राट के साथ स्थानीय तीर्थस्थलों की तीर्थयात्रा, शिकार और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए यात्रा करती थीं.
किन्नर और दासियां-
हरम की औरतों की देख-रेख करने के लिए सैकड़ों दासियां मौजूद होती थीं. बेगम भौतिक रूप से विलासितापूर्ण और आरामदायक जीवन जीती थी. साथ ही, बेगमों को सुरक्षा के किन्नर तैनात किए गए थे. मुगल बादशाह का जिस भी रानी के साथ समय बिताने की इच्छा होती थी. वे गुप्त रास्ते से रानियों के कक्ष में पहुंचते थे.