भजन गाकर हुए फेमस, 1 फिल्म के बाद घमंड में छोड़ा सब तो खो दी आवाज, महीनों तक किया पश्चाताप; फिर अचानक हुआ चमत्कार
Who is Narendra Chanchal: कुछ सितारे ऐसे होते हैं जो लोगों के दिलों में ऐसे बस जाते हैं कि लोग उनके रहने और उनके ना रहने के बाद भी उन्हें ही याद करते हैं. ऐसा ही एक सिंगर थे जो माता के जगराते में भजन गाकर इतने फेमस हो गए थे साथ ही साथ फिल्मों में भी काम करना शुरू कर दिया था. लेकिन अचानक बॉलीवुड में मिली पॉपुलैरिटी इनके सिर ऐसी चढ़ी कि इन्होंने भजन गाने बंद कर दिए. उसके बाद इनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. चलिए आपको बताते हैं कि इस नामचीन सिंगर की कहानी.
कौन हैं ये?
ये सिंगर कोई और नहीं बल्कि नरेंद्र चंचल हैं. ये एक भारतीय गायक थे जो माता रानी के भजनों में माहिर थे. ये जैसे ही अपने भजन गाना शुरू करते थे मानों पूरा माहौल ही भक्तिमय हो जाता था. इनके गाए हुए कुछ मशहूर भक्ति गीत हैं- 'चलो बुलावा आया है', 'तूने मुझे बुलाया शेरोवालिए', 'अम्बे तू है जगदम्बे काली', 'हनुमान चालीसा' और 'राम से बड़ा राम का नाम'. ये सभी भजन इतने फेमस हुए कि आज भी ये घर-घर में बजते हैं.
बॉबी फिल्म ने खोल दी किस्मत
नरेंद्र चंचल के जितने भजन लोगों को पसंद थे उतने ही फिल्मों में गाए गाने भी लोगों को रास आते थे. लंबे वक्त बाद इन्हें साल 1973 में आई 'बॉबी' फिल्म मिली. ये फिल्म ना केवल ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया के लिए मील का पत्थर साबित हुई बल्कि ये नरेंद्र चंचल के लिए भी लकी रही. इस फिल्म में नरेंद्र चंचल ने 'बेशक मंदिर मस्जिद' गाना गाया था.इस गाने के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर के अवॉर्ड से नवाजा गया.
हो गए थे घमंडी
इधर नरेंद्र चंचल के गाने फिल्मों में भी हिट हो गए और उधर उनके भक्ति गीत भजन गायकों की लिस्ट में टॉप पर रहा. जिसके बाद वो रातोंरात स्टार बन गए थे. लेकिन अचानक नरेंद्र चंचल थोड़े-थोड़े बदलने लगे. यानी कि पॉपुलैरिटी रास नहीं आई. एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में इस बात का खुलासा खुद सिंगर ने किया था.
सिर चढ़ गई थी सक्सेस
नरेंद्र चंचल ने इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने फिल्मी गाने गाने का मन बना लिया था. इन गानों में 'बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई' और 'मैं बेनाम हो गया' शामिल है. ये गाने भी हिट हुए और सक्सेस उनके सिर चढ़कर बोल रही थी. लेकिन अचानक उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद वो रास्ते पर आ गए.
अचानक चली गई थी आवाज
इन्होंने इसी इंटरव्यू में कहा था कि एक म्यूजिक नाइट में वो शामिल होने के लिए आगरा गए. वो अक्सर भजन कीर्तन के लिए आगरा जाया करते थे. जब वो कार्यक्रम में पहुंचे तो एक आदमी ने उन्हें भजन गाने को कहा. लेकिन उन्होंने तबीयत खराब का बहाना बनाया और गाना गाने से इनकार कर दिया. इसके बाद वहां से जैसे ही निकले तो उसी रात को उनकी आवाज अचानक चली गई.
सालों बाद हुए ठीक, तभी लिया एक प्रण
कई महीनों तक बिना आवाज के रहे. उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि माता रानी ने उन्हें गलती और घमंड की सजा दी है. कई महीनों तक इलाज चलने के बाद वो ठीक हुए. जिसके बाद उन्होंने कभी फिल्मी गाने ना गाने का प्रण लिया. फिल्मों भी अगर गाएंगे तो वो भक्ति गीत ही होंगे. 80 साल की उम्र में नरेंद्र चंचल का 22 जनवरी, 2021 को निधन हो गया.