टीम ट्रंप की 4 सबसे पावरफुल महिलाएं, जिनकी अथक मेहनत से सजा जीत का ताज
Donald Trump Team : अमेरिका के नए नवेले राष्ट्रपति इस समय अपनी टीम बनाने में जुटे हुए हैं. रोजाना केबिनेट समेत विभिन्न पदों के लिए वे नामों की घोषणा कर रहे हैं. हालांकि ये टीम जनवरी 2025 से पदभार संभालेगी. अब तक ट्रंप ने जिन लोगों को अपनी टीम में चुना है, उसमें 4 बेहद ताकतवर महिलाएं शामिल हैं.
Women in Trump Team: इन महिलाओं का टैलेंट और अथक मेहनत ही है जिसके बिना शायद ट्रंप का चुनावी कैंपेन ऐसे सफल मुकाम तक नहीं पहुंच पाता. लेकिन इन महिलाओं का अपना पुराना करियर रिकॉर्ड भी शानदार रहा है. जानिए ये टीम ट्रंप की ये वंडन वूमन कौन-कौन हैं, जो अब कार्यकाल 2.0 का अहम हिस्सा रहने वाली हैं.
तुलसी गबार्ड
अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड का नाम इस समय सभी की जुबान पर है. वे हवाई की पूर्व सांसद रही हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़कर रिपब्लिकन पार्टी में आई हैं. तुलसी गबार्ड को ट्रंप ने राष्ट्रीय खुफिया (National Intelligence) विभाग का निदेशक बनाया है. वह हमेशा से हिंदुओं की समर्थक रही हैं और पाकिस्तान-बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का मुखर विरोध करती रही हैं.
एलिस स्टेफैनिक
ट्रंप ने न्यूयॉर्क की सीनेटर एलिस स्टेफैनिक को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत पद के लिए चुना है. एलिस ट्रंप की कट्टर समर्थक हैं और लंबे समय से उनके साथ हैं. उन्हें अमेरिकी प्रशासन में काम करने का अच्छा अनुभव है क्योंकि वे पूर्व राष्ट्रपति बुश के कार्यकाल में भी उनके प्रशासन में काम कर चुकी हैं. वह इजरायल की मुखर समर्थक हैं.
सूजी वाइल्स
ट्रंप ने चीफ ऑफ स्टाफ जैसे बड़े और अहम पद के लिए 67 वर्षीय सूजन उर्फ सूजी वाइल्स का चुनाव किया है. उनके नाम एक रिकॉर्ड होगा कि वह व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ बनने वाली पहली महिला होंगी. चुनावी कैंपेन के दैारान ट्रंप पर महिलाओं से जुड़े कई आरोप लगे, ऐसे में इतने अहम पद पर महिला को बैठाकर वे बड़ा संदेश दे रहे हैं. साथ ही ट्रंप ने जीत के बाद पहले भाषण में कहा कि सूजी विल्स ने मुझे अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी राजनीतिक जीत हासिल करने में मदद की है. वह मेरे दोनों चुनावी कैंपेन का अहम हिस्सा रही हैं.
क्रिस्टी नोएम
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टीम में डकोटा की गवर्नर क्रिस्टी को बतौर होमलैंड सिक्योरिटी मिनिस्टर चुना है. वह 2018 में पहली बार दक्षिण डकोटा की पहली महिला गर्वनर बनीं थीं. उन्हें सीमाओं की सुरक्षा, साइबर खतरों से निपटने, आतंकवाद से निपटने जैसी कई अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं.