Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने रास्ते में नमाज पढ़ रहे नमाजी को क्यों कहा `वंदनीय हैं ऐसे लोग`?
Premanand Ji Maharaj on Namaz: वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन करने के लिए देश-दुनिया से हर धर्म-जाति के लोग आते हैं. इस दौरान लोग उनसे धर्म, अध्यात्म, जीवन से जुड़े कई सवाल पूछते हैं. ऐसे ही एक सत्संग कार्यक्रम में प्रेमानंद महाराज ने नमाजियों को लेकर अद्भुत बात कही.
सार्वजनिक स्थानों पर नमाज
आमतौर पर ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं जब मुस्लिम समुदाय के लोग सड़क पर भी नमाज अदा करते हुए नजर आते हैं. इसके अलावा ट्रेन में, रेल्वे स्टेशन, हॉस्पिटल, एयरपोर्ट आदि सार्वजनिक स्स्थानों पर भी नमाज अदा करते दिख जाते हैं.
सड़क पर नमाज अदा कर रहे थे नमाजी
प्रेमानंद महाराज ने सत्संग कार्यक्रम में ऐसी ही एक घटना का उल्लेख किया कि 'एक अन्य धर्मालंबी मार्ग (रास्ते) पर नमाज पढ़ रहे थे. हम उनकी नियम निष्ठा को प्रणाम करते हैं.'
नमाज के समय की पाबंदी
महाराज जी इस वीडियो में कहते हैं कि 'उनका भगवत वंदना का समय नियत होता है. ऐसे में वे उस समय कहीं भी हो, यात्रा में हों, मार्ग में हों उसी समय वो प्रभु की वंदना (नमाज) करने लगते हैं.'
वंदनीय है ऐसा नियम
प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं, ' उनका ये नियम वंदनीय है. वो चाहे जिस नाम और रूप में भगवत वंदना करते हों हैं तो वे हमारे गोविंद ही. क्योंकि भगवान एक ही हैं, उनकी किसी भी रूप में पूजा हो.'
दिन में 5 बार पढ़ी जाती है नमाज
दरअसल मुस्लिम समुदाय के लोग दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हैं. हर नमाज का एक वक्त निर्धारित है. सुबह सूरज के निकलने से पहले लेकर सूरज ढलने के बाद तक में 5 बार नमाज पढ़ी जाती है.
हर धर्म का करते हैं सम्मान
प्रेमानंद महाराज के पास हर धर्म के लोग अपने प्रश्न लेकर आते हैं और महाराज जी ने उनके प्रश्नों का उत्तर देते हैं. वे सभी धर्मों का सम्मान करते हुए लोगों को अच्छा आचरण करने, नशे से दूर रहने, माता-पिता की सेवा करने और भगवान की भक्ति करने का संदेश देते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)