25 छक्के.. 26 चौके और 347 रन, इस खूंखार बल्लेबाज ने भरी टीम इंडिया में वापसी की हुंकार
भारतीय टीम के लिए टेस्ट और वनडे में डेब्यू कर चुका एक विस्फोटक बल्लेबाज इस समय बल्ले से आग उगल रहा है. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उसने चौके-छक्कों और रनों का अंबार लगाते हुए अपनी टीम को फाइनल तक का सफर तय कराने में अहम भूमिका निभाई है. अपने इस प्रदर्शन के साथ ही इस क्रिकेटर को टीम इंडिया में वापसी की उम्मीद है.
इसी साल हुआ डेब्यू
हम जिस बल्लेबाज की बात कर रहे हैं उनका नाम है रजत पाटीदार. पाटीदार का इंटरनेशनल करियर उस तरह आगे नहीं बढ़ पाया जैसा वह चाहते थे, लेकिन मध्य प्रदेश के बल्लेबाज को घरेलू मैचों के जरिये फिर से मौका हासिल कर भारतीय टीम की जर्सी पहनने का भरोसा है. इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ पाटीदार 6 पारियों में केवल 63 रन बना सके थे.
मौका न भुना पाने का मलाल
हालांकि, दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने रणजी ट्रॉफी के शुरुआती चरण और मौजूदा सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है. पाटीदार ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल से पहले कहा, 'मुझे टेस्ट टीम में जगह बनाकर अच्छा लगा था. हालांकि, मुझे कभी-कभी बुरा लगता है कि मैं मौके को भुना नहीं पाया. कभी-कभी चीजें आपके मुताबिक नहीं होतीं और यह ठीक है.' बता दें कि रजत पाटीदार मध्यप्रदेश के कप्तान हैं, जिसका खिताबी मुकाबला मुंबई से होने वाला है.
25 छक्के.. 26 चौके और 347 रन
इस 31 साल के खिलाड़ी ने घरेलू टूर्नामेंटों में लगातार रन बनाकर एक पहला कदम उठा लिया है. मध्यप्रदेश के कप्तान ने 5 रणजी ट्रॉफी मैचों में 53.37 की औसत से एक शतक और एक अर्धशतक के साथ 427 रन बनाए. वहीं, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के मौजूदा सत्र में अजिंक्य रहाणे (432) और बिहार के साकिबुल गनी (353) के बाद तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं. उन्होंने 9 मैचों में 182.63 के स्ट्राइक रेट से 4 अर्धशतक के साथ 347 रन बनाए हैं. उनके बल्ले से टूर्नामेंट में अब तक 25 छक्के और 26 चौके निकले हैं.
वापसी पर भरोसा
पाटीदार ने अपनी 'असफलता' स्वीकार की और उस निराशा को पीछे छोड़ चुके हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि चीजों को स्वीकार करना सफलता की ओर बढ़ने का पहला कदम है. आपको यह स्वीकार करना होगा कि क्रिकेट यात्रा में असफलता मिलेगी. इसलिए, मेरे लिए इसका सामना करना और इससे सीखना महत्वपूर्ण है.' उन्होंने आगे कहा, 'मैंने इसे स्वीकार कर लिया है और मैं आगे बढ़ रहा हूं. यह खेल का अहम हिस्सा है. मैं मौके को दोबारा बना सकता हूं.' दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि उन्हें वापसी के लिए अपने कौशल पर भरोसा है. पाटीदार ने कहा, 'मैं बल्लेबाजी में अपने मजबूत पक्ष पर भरोसा कर उसी मुताबिक खेलने पर ध्यान दे रहा हूं.'
टीम को खिताब जिताने की चुनौती
पाटीदार ने कहा, 'मेरा मंत्र एक समय में एक गेंद खेलना है. मैं अपनी टीम के लिए प्रतिद्वंद्वी पर अपना प्रभाव डालने की कोशिश करता हूं. मैं बड़ा स्कोर बनाने की कोशिश नहीं करता. मैंने कभी उस पर ध्यान नहीं दिया.' इस बल्लेबाज के सामने रविवार (15 दिसंबर) को मुंबई के खिलाफ सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में टीम को पहली बार खिताब दिलाने की चुनौती है. वह टीम के कप्तान हैं. मध्यप्रदेश की टीम ने इसी वेन्यू पर दो साल पहले मुंबई को छह विकेट से हराकर रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था. उस मैच में पाटीदार ने 122 रन बनाये थे.