Explainer: चार नहीं, छह-छह पैरों वाला चूहा? वैज्ञानिकों ने क्यों किया ऐसा प्रयोग
Six Legged Mouse Embryo: पुर्तगाल के बायोसाइंटिस्ट्स ने लैब में छह पैरों वाला चूहा बनाया है. चूहे के भ्रूण में जहां पर जननांग होने चाहिए थे, वहां पर दो अतिरिक्त पैर हैं. `नेचर कम्युनिकेशंस` जर्नल में छपी स्टडी में पुर्तगाली वैज्ञानिकों ने इस अजीब प्रयोग की जानकारी दी. नई रिसर्च से यह समझने में मदद मिली कि DNA के 3D स्ट्रक्चर में बदलाव का भ्रूण के विकास पर कैसा असर होता है. पुर्तगाली वैज्ञानिक एक तरह के रिसेप्टर प्रोटीन Tgfbr1 पर स्टडी कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने लैब में चूहे के कई भ्रूण बनाए. जब भ्रूण आधे विकसित हो चुके थे, तब उन्होंने Tgfbr1 जीन को निष्क्रिय कर दिया, यह देखने के लिए उससे स्पाइनल कॉर्ड के विकास पर क्या असर पड़ता है. फिर एक दिन, जूनियर साइंटिस्ट ने देखा कि एक भ्रूण के जननांग ऐसे दिख रहे हैं जैसे कि एक्स्ट्रा पैर हों.
छह पैरों वाला चूहा! प्रयोग से क्या पता चला?
रिसर्चर्स को यह तो पता था कि अधिकतर चार अंगों वाले जानवरों में, बाहरी जननांग और हिंदलिंब, दोनों एक ही मौलिक संरचनाओं से विकसित होते हैं. जब पुर्तगाली वैज्ञानिकों की टीम ने छह पैरों वाले चूहे पर और रिसर्च की तो उन्होंने पाया कि कोई संरचना जननांग बनेगी या हाथ-पैर, यह Tgfbr1 तय करता है. ऐसा करने के लिए Tgfbr1 कोशिकाओं के भीतर DNA फोल्ड होने का तरीका ही बदल देता है.
इस प्रयोग से वैज्ञानिकों में जगी नई उम्मीद
वैज्ञानिकों ने Tgfbr1 प्रोटीन को डीएक्टिवेट कर दिया जिससे बाकी जीन्स की गतिविधि में बदलाव आया. नतीजा भ्रूण में अतिरिक्त अंग विकसित हुए, कोई जननांग नहीं. रिसर्चर्स को उम्मीद है कि वे यह पता लगा पाएंगे कि Tgfbr1 और उसके रिश्तेदार प्रोटीन अन्य सिस्टम में DNA स्ट्रक्चर को बदल सकते हैं या नहीं.