Ambedkar Nagar News: 34 साल पुराने केस में यूपी के पूर्व विधायक पवन पांडेय को 7 साल की जेल, ठेकेदार पर दनादन बरसाई थीं गोलियां
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Ambedkar Nagar News: 34 साल पुराने केस में यूपी के पूर्व विधायक पवन पांडेय को 7 साल की जेल, ठेकेदार पर दनादन बरसाई थीं गोलियां

Ambedkar Nagar News In Hindi: अंबेडकरनगर के पूर्व विधायक पवन पांडेय के खिलाफ सजा का ऐलान किया गया है. 34 साल पुराने केस में सजा का फैसला सुनाया गया है.

Former MLA Pawan Pandey

अंबेडकरनगर: उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक पवन पांडेय के खिलाफ एक मामले में सजा का ऐलान किया गया गया है. दरअसल, जानलेवा हमले के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद 34 साल बाद अंबेडकरनगर से पूर्व विधायक पवन पांडेय के खिलाफ सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. पवन पांडेय को MP-MLA कोर्ट ने ये सजा सुनाई है. सोमवार को सुनाए गए फैसले के मुताबिक कोर्ट ने 20 हजार रुपये का जुर्माना भी पवन पांडेय पर लगाया है. 

जेल में बंद है पूर्व विधायक 
पूर्व विधायक मौजूदा समय में जेल में बंद हैं. जमीन के फर्जीवाड़े के केस में फिलहाल वो जेल हैं लेकिन उनके खिलाफ यूपी के कई जिलों में दो दर्जन से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज करवाए गए हैं. पवन पांडेय 1991 में अकबरपुर से शिवसेना के टिकट पर विधायकी जीते थे और उसी के बाद उन पर रंगदारी, हत्या के साथ ही जानलेवा हमले जैसे कई आपराधिक आरोप लगाए जाते रहे. पवन ने कई बार निर्दलीय तो वहीं लोजपा से अकबरपुर सीट पर चुनाव लड़ते रहे लेकिन जीत नहीं पाए. 

क्या था वह मामला?
26 जून 1990 की बात है जब सम्मनपुर थाना क्षेत्र के परसकटुई निवासी अरविंद कुमार सिंह ने जलालपुर थाने में जानलेवा हमले का एक मामला दर्ज करवाय जिसमें अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के मोहम्मदपुर के रहने वाले पूर्व विधायक पवन पांडेय व जगदंबा सिंह को मामले में आरोपी बनाया. एफआईआर के अनुसार  अरविंद सिंह वारदात वाले दिन यानी 26 जून 1990 की सुबह 10 बजे अयोध्या जिले के गोसाईगंज थाने के चाचिकपुर के रहने वाले अनिल सिंह के साथ ठेकेदारी का काम कराने के लिए किछौछा बाजार के गांव बरौना मजदूर लेने गए. 

ताबड़तोड़ गोलियां
आरोप है कि अरविंद सिंह जब लौट रहे थे और जब वो किछौछा के सरदारनगर बाजार पहुंचे तो पीछे से आती कार ने उन्हें ओवरटेक किया और फिर गाड़ी रुकी. गाड़ी से पांच लोग उतरे जो हथियारबंद थे, उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे. हमले में अरविंद, अनिल समेत अन्य घायल हुई. जब हमले से बचने के लिए अरविंद सिंह ने अपनी गाड़ी मोड़ी और जलालपुर की तरफ भागे तो पीछे से उनकी गाड़ी पर गोलियां बरसाई गईं. अरविंद सिंह ने जलालपुर थाने में घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई और दो आरोपी को नामजद करवाया. बाद में केस को बसखारी थाने को जलालपुर थाने से ट्रांसफर किया गया. 

एक आरोपी की हुई मौत
अरविंद सिंह पर हमला किए जाने के मामले में पुलिस द्वारा जांचकर चार्जशीट बनाई गई और कोर्ट में दायर किया गया. कोर्ट में मामला चलता रहा और हाल के समय में केस की सुनवाई तेजी से की गई. अरविंद सिंह पर हमला केस में एक आरोपी जगदंबा सिंह की पहले ही मृत्यु हो गई. पवन पांडेय भी दूसरे मामले में जेल में हैं. सोमवार को कोर्ट के सुनाए फैसले में 7 साल सश्रम जेल की सजा का ऐलान किया गया है.

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