Explainer: अंतरिक्ष में जंग का काउंटडाउन? अमेरिका, रूस और चीन के बीच शुरू हुई हथियारों की रेस

Arms Race In Space: पृथ्वी पर दो-दो विश्‍व युद्ध और सैकड़ों लड़ाइयों के बाद अब अंतरिक्ष में जंग की तैयारी है. अमेरिका, चीन और रूस तेजी से अंतरिक्ष के लिए हथियार बना रहे हैं. सीएनएन ने रक्षा विशेषज्ञों और अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट छापी है. इसके मुताबिक, तीनों देश ऐसे हथियार विकसित कर रहे हैं जिससे एक-दूसरे के सैटेलाइट्स को खराब या नष्ट किया जा सके. इससे अंतरिक्ष में युद्ध की संभावना बलवती हो रही है. सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) में एयरोस्पेस सिक्योरिटी प्रोजेक्ट के डायरेक्टर, कैटिलिन जॉनसन ने कहा, `अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ बढ़ रही है. इनमें से हर एक देश विभिन्न प्रकार की काउंटरस्पेस क्षमताएं विकसित करने में लगा है जिनसे दूसरों की अंतरिक्ष संपत्तियों को खतरा है.` CNN की रिपोर्ट बताती है कि रूस और चीन ने अंतरिक्ष में अमेरिका के प्रभुत्व को चुनौती दी है. अंतरिक्ष में हथियारों की इस रेस का हमारे-आपके ऊपर क्या असर होगा, समझिए. (Photo : Playground AI)

दीपक वर्मा Tue, 28 May 2024-12:41 pm,
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Space War: चीन का 2049 वाला टारगेट

चीन ने 2007 में एंटी-सैटेलाइट (ASAT) मिसाइल का टेस्ट किया था. उस दौरान, अपने एक सैटेलाइट्स को नष्ट करते हुए चीन ने मलबे के हजारों टुकड़े आउटर स्पेस में फैला दिए थे. स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में चीन काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. ASAT हथियारों के इतर, चीन सैटेलाइट जैमर्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक हथियार बना रहा है. हेरिटेज फाउंडेशन में सीनियर रिसर्च फेलो, डीन चेंग ने CNN ने कहा, 'चीन का लक्ष्य 2049 तक वर्ल्ड क्लास मिलिट्री बनने का है. अंतरिक्ष में क्षमताएं बढ़ाना उसके इसी लक्ष्य का एक हिस्सा है.'

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रूस भी कर रहा अंतरिक्ष में जंग की तैयारी

चीन की तरह रूस ने भी अंतरिक्ष के लिए हथियारों पर काम शुरू किया है. 2020 में रूस ने एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का टेस्ट किया था जिससे अमेरिका टेंशन  में आ गया था. रूस ने 'नेस्टिंग डॉल' सैटेलाइट्स को भी काम पर लगाया है. इनसे छोटे-छोटे, मैनूवरेबल इंस्पेक्टर सैटेलाइट्स छोड़े जा सकते हैं जो दूसरे ऑब्जेक्ट्स के करीब जा सकते हैं. इनकी मदद से, सैटेलाइट्स को डिसेबल या नष्ट किया जा सकता है. 

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चीन और रूस की प्रोग्रेस से टेंशन में है अमेरिका

जाहिर है, चीन और रूस के स्पेस वेपंस टेस्ट करने से अमेरिका टेंशन में है. दोनों देश अंतरिक्ष में उसकी बादशाहत को चुनौती दे रहे हैं. अमेरिकी स्पेस कमांड के जनरल जेम्स डिकिनसन ने सीएनएन से कहा, 'ये गतिविधियां दिखाती हैं कि अंतरिक्ष एक चुनौतीपूर्ण वातावरण बन रहा है. हमारे दुश्‍मन अंतरिक्ष पर हमारी निर्भरता का फायदा उठाने के रास्ते ढूंढ रहे हैं, वे ऐसी क्षमताएं विकसित कर रहे हैं जिससे हमें अंतरिक्ष में रोक सकें.'

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अंतरिक्ष में जंग से धरती पर आफत!

अगर अंतरिक्ष में किसी तरह की जंग होती है तो दुनिया पर उसका तगड़ा असर होगा. मौसम की भविष्यवाणी से लेकर बैंकिंग और टेलीकम्युनिकेशंस तक, आधुनिक जीवन काफी हद तक सैटेलाइट्स पर निर्भर है. अगर उन सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा तो दुनिया की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.

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ऐसे हथियारों पर लगाम कसने की जरूरत

अंतरिक्ष के लिए नियम-कायदों पर बात काफी समय से होती आई है, मगर कुछ ठोस नहीं हुआ. एक डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक, 'अंतरिक्ष के हथियारीकरण को रोकने और जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौतों की जरूरत है. ऐसे समझौतों के बिना गलतफहमियों और अंतरिक्ष में संघर्ष का खतरा बढ़ेगा ही.'

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