Swarved Mahamandir Inauguration: 19 साल, 600 कारीगरों का रोजाना काम और दीवारों पर 4000 दोहों के साथ बना स्वर्वेद महामंदिर
Swarved Mahamandir Specifications: आज वाराणसी (Varanasi) में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दुनिया के सबसे बड़े विहंगम योग के केंद्र स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन (Swarved Mahamandir Inauguration) किया. स्वर्वेद महामंदिर धाम 19 साल में 64,000 वर्ग फीट में बनकर तैयार हुआ है. इस 7 मंजिला मंदिर में एक भी कमरा नहीं है. इसमें एक बार में करीब 24,000 लोगों के बैठने की क्षमता है. वाराणसी में बनने वाला यह दूसरा धाम है. बता दें कि स्वर्वेद महामंदिर में 100 फीट ऊंची सद्गुरुदेव की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. वाराणसी में स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने जनता के सामने 9 संकल्प भी रखे. आइए उनके बारे में जानते हैं.
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बता दें कि स्वर्वेद महामंदिर धाम में स्वर्वेद ग्रंथ है. उसकी रचना स्वामी सदाफल महाराज ने हिमालय की गुफा में 17 साल तक साधना करके की है. खासियत ये भी है कि स्वर्वेद धाम दुनिया का सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर है. स्वर्वेद महामंदिर को बनाने में 600 कारीगर और 19 इंजीनियरों ने मिलकर काम किया है.
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स्वर्वेद मंदिर का निर्माण 2004 में शुरू हुआ था. 19 साल में स्वर्वेद महामंदिर को आकार दिया गया है. स्वर्वेद महामंदिर 200 एकड़ में फैला हुआ है. स्वर्वेद महामंदिर की दीवारों पर 4000 दोहे अंकित हैं. मंदिर की दीवारों पर हुई नक्काशी मनमोह लेती है.
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वाराणसी में पीएम मोदी ने मंच से लोगों को 9 संकल्प बताएं और लोगों से उनके पालन की अपील की. पहला संकल्प है कि पानी की बूंद-बूंद बचाइए और जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करिए. दूसरा- गांव-गांव जाकर लोगों को डिजिटल लेन देन के प्रति जागरूक करिए.
पीएम मोदी का तीसरा संकल्प- अपने गांव, शहर, मोहल्ले को स्वच्छता में नंबर 1 बनाने के लिए काम करिए. चौथा संकल्प- जितना हो सके आप लोकल को, स्थानीय प्रोडक्ट को प्रमोट करिए, मेड इन इंडिया उत्पादों का ही प्रयोग कीजिए. पांचवां संकल्प है कि जितना हो सके, पहले अपने देश को देखिए, अपने देश में घूमिए. छठा संकल्प है कि प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करिए. सातवां संकल्प है कि मिलेट्स यानी श्री अन्न को अपने जीवन में शामिल करिए, इसका खूब प्रचार-प्रसार करिए.
पीएम मोदी का आठवां संकल्प है कि फिटनेस योग हो, स्पोर्ट्स हो, उसे भी अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाइए. और नौवां और आखिरी संकल्प है कि कम से कम एक गरीब परिवार का संबल बनिए, उसकी मदद कीजिए. ये भारत में गरीबी दूर करने के लिए जरूरी है.