दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे प्लेटफॉर्म, जहां नहीं है एक भी कर्मचारी; ऐसे नजारे कहीं नहीं देखे होंगे
Highest Railway Platform in World : दुनिया में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए रेलवे सबसे सुरक्षित माध्यम माना जाता है. हर देश अपनी क्षमता के मुताबिक ट्रेनों का विकास कर चुका है. कई जगह हाई स्पीड ट्रेनें चलती हैं तो कहीं आज भी पुराने जमाने का सिस्टम ही चल रहा है. कहीं भी ट्रेन चलाने के लिए प्लेटफॉर्म सबसे जरूरी चीज है. आज हम आपको दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे प्लेटफॉर्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जो खुद में हैरतअंगेज है.
दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है तांगगुला, जो तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के अमदो काउंटी में है. यह चीन के किंगहाई प्रांत के तांगगुला कस्बे की सीमा के पास पड़ता है.
यह समुद्री तल से 16,627 फीट ऊपर स्थित है. 2006 में यह प्लेटफॉर्म बनकर तैयार हुआ था. इसने पेरू के तिकलियो स्टेशन को पछाड़ दिया था, जो 15,843 फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ था.
तांगगुला के करीब ऊंचाई वाले अन्य रेलवे स्टेशनों में रियो मुलाटोस-पोटोसी लाइन पर बोलीविया में कोंडोर स्टेशन और पेरू में ला गैलेरा स्टेशन शामिल हैं, जिनकी समुद्र तल से ऊंचाई क्रमशः 15,702 और 15,686 फीट है.
तांगगुला रेलवे स्टेशन पर तीन ट्रैक हैं, जिनमें से एक पर प्लेटफार्म है और दूसरे पर बहुत छोटा प्लेटफार्म है. इस रेलवे स्टेशन (जिस पर कोई कर्मचारी नहीं है) को आधिकारिक तौर पर 1 जुलाई, 2006 को सेवा के लिए खोला गया था और यह रेल ट्रैक के सबसे ऊंचे बिंदु से आधे मील से भी ज्यादा की दूरी पर स्थित है, जिसकी ऊंचाई लगभग 16,640 फीट है.
तंगगुला रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म को इससे दिखने वाले खूबसूरत नजारों के लिए चुना गया था, जो लगभग 4,100 फीट लंबा है और 19.02 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है.
तांगगुला, किंगहाई-तिब्बत रेलवे का सबसे ऊंचा इंटरमीडिएट स्टेशन है. तांगगुला माउंटेन रेलवे स्टेशन में एक वेटिंग रूम है जो बड़े उपकरणों से लैस है. जो लोग ऊंचाई से होने वाली बीमारियों से पीड़ित हैं, उनको यहां ऑक्सीजन तक मुहैया कराई जाती है.
इस स्टेशन के आस-पास का इलाका वीरान है, इसलिए ट्रेन के अलावा यात्रियों के लिए ट्रांसपोर्ट का कोई और साधन यहां उपलब्ध नहीं है. तिब्बत से गुजरने वाली ट्रेन तांगगुला स्टेशन पर रुककर दूसरी दिशा से आने वाली दूसरी ट्रेन का इंतज़ार कर सकती है. हालांकि, ट्रेन में सवार यात्रियों को उस पॉइंट पर तिब्बत ट्रेन से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होती.