आ गई सूर्य ग्रहण की घड़ी...जानें समय, सूतक काल, मोक्ष काल समेत सारी डिटेल्स
Surya Grahan 2024: पितृ पक्ष के आखिरी दिन यानी कि पितृ अमावस्या पर आज साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लग रहा है. 2 और 3 अक्टूबर की रात को लग रहा यह सूर्य ग्रहण साल 2024 का आखिरी ग्रहण है. जानिए ग्रहण का भारत में समय और प्रभाव समेत सारी डिटेल्स.
सूर्य ग्रहण क्या है?
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं तो चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है. इससे धरती के एक भाग पर अंधेरा छा जाता है. यही सूर्य ग्रहण कहलाता है.
भारत में सूर्य ग्रहण का समय
साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 2 अक्टूबर यानी कि आज रात 9 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और 3 अक्टूबर की मध्यरात्रि 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा. इस सूर्य ग्रहण का पीक रात 12 बजकर 15 मिनट पर होगा.
सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा?
यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा. हिंदू धर्म-शास्त्रों के अनुसार जिस जगह ग्रहण दिखाई नहीं देता है, वहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होता है. चूंकि आज लग रहा सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल नहीं माना जाएगा. साथ ही सारे काम, पूजा-पाठ सामान्य रूप से हो सकेंगे.
सूर्य ग्रहण का सूतक काल व मोक्ष काल
धर्म-शास्त्रों के अनुसार यदि सूर्य ग्रहण दिखाई देता है तो उसका सूतक काल सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है. जो कि ग्रहण के मोक्ष काल यानी कि ग्रहण समाप्त होने पर ही खत्म होता है.
सूर्य ग्रहण कहां कहां दिखाई देगा
साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह सूर्य ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू में कुछ जगहों पर दिखाई देगा.
सूर्य ग्रहण का राशि पर प्रभाव
यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लग रहा है. साथ ही सूर्य ग्रहण के समय शनि के साथ सूर्य का षडाष्टक योग भी बनेगा. सूर्य पर राहु की पूर्ण दृष्टि रहेगी. ये सभी स्थितियां देश-दुनिया पर नकारात्मक प्रभाव डालेंगी. सिंह, धनु और मीन राशि के लिए सूर्य ग्रहण अच्छा नहीं कहा जा सकता है. वहीं दुनिया में राजनैतिक उथल-पुथल, हिंसा, प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन सकता है.
सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचाव
सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए मंत्र जाप करें. ग्रहण के बाद स्नान-दान जरूर करें. सूर्य ग्रहण के बाद जरूरतमंदों को अनाज, धन आदि दान करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)