Ukraine Magura V5 Drone: यूक्रेन का वो `छोटकू उस्ताद` जिसने समंदर में पुतिन की नाक में दम कर दिया
Ukraine Russia War: एक ड्रोन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नाक में दम कर दिया है. ताकतवर रूस के पास अपनी नौसेना है लेकिन यूक्रेन के पास टेक्नोलॉजी की पावर है. इसी के दम पर उसने एक से बढ़कर एक समुद्री ड्रोन बनाए हैं. इसमें से एक है मागुरा वी5 ड्रोन (Magura V5 drone). कुछ घंटे पहले यूक्रेन की सेना ने इसी `पानी वाली चकरी` के जरिए रूस के एक और बड़े जहाज को समंदर में डुबो दिया.
अंधेरे में बूम-बूम
सोशल मीडिया पर Russia Ukraine War सर्च कीजिए या Magura drone. आपको अंधेरे में लिया गया दो मिनट का वीडियो दिखाई देगा. वीडियो समुद्री ड्रोन के ऊपरी हिस्से में लगे कैमरे से रिकॉर्ड किया गया है, जहां से वह सीधे यूक्रेनी सेना यानी हैंडलर को मिलता रहा होगा. पानी की लहरें ऊपर उठती हैं तो उसकी दिशा बदल जाती है. फिर वह शिप की तरफ फोकस करता. करीब जाकर उसने रूसी शिप को उड़ा दिया. हालांकि सभी दावे यूक्रेन की तरफ से किए गए हैं.
मागुरा वी5 की मारक क्षमता
यह यूक्रेन में विकसित किया गया V टाइप का अगली पीढ़ी का मल्टी-रोल USV है. हां, ध्यान देने वाली बात है कि यह आसमान (Arieal) में नहीं उड़ता बल्कि सतह यानी सरफेस पर कमाल दिखाता है. इसीलिए इसे यूएवी नहीं USV कहते हैं. तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि जो ऊपर की तरफ उठा हुआ हिस्सा है वहीं पर कैमरा लगा होता है. यह अपने साथ 320 किलो विस्फोटक लेकर चल सकता है.
समंदर का उस्ताद
यूक्रेन के पास रूस की तरह स्पेशल नौसेना नहीं है लेकिन उसकी सेना ही इस नेवल ड्रोन के दम पर रूस पर भारी पड़ रही है. Magura V5 की लंबाई 5.5 मीटर और चौड़ाई 1.5 मीटर है. यह 40 से 78 किमी प्रति घंटे की स्पीड से समंदर में घूम सकता है. दावा किया जाता है कि यह 800 किमी की रेंज में ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है. आप कह सकते हैं- देखन में छोटे लगैं, घाव करे गंभीर.
रूस का जंबो शिप दफन
रात में मागुरा ड्रोन से लिए वीडियो में दिखाई देता है कि जहाज को देखते ही उसकी दिशा मोड़ी जाती है. हालांकि पानी का बहाव तेज होने के कारण मुश्किल भी आती है. ड्रोन शिप के करीब जाता है. पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद कि यह रूस का शिप है, उस पर अटैक कर दिया जाता है. बड़े शिप पर हमले के लिए यूक्रेन एक साथ कई मागुरा ड्रोन को समंदर में उतारता है. सतह पर बहुत कम दिखाई देने के कारण रूसी सैनिकों के लिए इसका पता लगा पाना काफी मुश्किल होता है. वे जाल बिछाते हैं लेकिन यूक्रेनी चकरी चकमा दे जाती है.