रिसर्च व डेवलपमेंट में करियर बनाने वाले 11-12वीं के स्टूडेंट्स की चांदी, ग्रेजुएशन और PhD के लिए भी मिलेगी स्कॉलरशिप
Scholarship For 11th 12th Students: वैसे तो केंद्र और राज्य सरकारें स्टूडेंट्स के लिए नई-नई योजनाओं का अनावरण करती रहती हैं. इससे दूर-दराज और ग्रामीण इलाकों में पढ़ने वाले बच्चों को भी आगे आकर अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका मिलता है. ऐसी ही एक योजना हाल ही में भार सरकार ने लॉन्च की है.
मोदी सरकार ने विज्ञान धारा स्कीम लॉन्च की है. यह योजना 11वीं औ 12वीं में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए केंद्र सरकार का खास तोहफा है.
स्टूडेंट्स को खास तोहफा
इसके जरिए साइंस और टेक्नोलॉजी की फील्ड में करियर बनाने वाले स्टूडेंट्स को आर्थिक सहायता दी जाएगी.
विज्ञान धारा योजना
विज्ञान धारा योजना के लिए भारत सरकार ने 10,579 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 11वीं और 12वीं में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को साइंस और टेक्नीक के क्षेत्र में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा.
पीएचडी तक स्कॉलरशिप की सुविधा
विज्ञान धारा योजना के तहत इंटर्नशिप से लेकर ग्रेजुएशन और पीएचडी तक के स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप देने की व्यवस्था की गई है. इस स्कीम को लॉन्च करने के पीछे सरकार का मकसद युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार से जोड़ने है.
सरकार का मानना है कि इस इंटर्नशिप प्रोग्राम के बाद स्टूडेंट्स को साइंस और टेक्नीक के क्षेत्र में काम करने के ज्यादा मौके मिलेंगे.
इंटर्नशिप का मौका
केंद्र की विज्ञान धारा योजना के तहत 11वीं और 12वीं छात्रों को इंटर्नशिप कराने की बात कही गई है, जिसके उनमें स्किल डेवपलमेंट होगा औरवे रोजगार के लिए तैयार हो सकेंगे.
फेलोशिप और डॉक्टरेट के अवसर
अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि विज्ञान धारा स्कीम के तहत ग्रेजुएशन, मास्टर्स और इसी क्षेत्र में पीएचडी करने वाले युवाओं को फेलोशिप भी दी जाएगी. इतना ही नहीं इससे रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा. ऐसे सभी स्टूडेंट्स इस योजना का लाभ ले सकेंगे, जो रिसर्च और डेवलपमेंट में करियर बनने की ख्वाहिश रखते हैं.
रिसर्च और इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि इस स्कॉलरशिप स्कीम के 5 फेज है, जिसमें रिसर्च और इनोवेशन भी शामिल है. इस स्कीम का लक्ष्य रिसर्च और इनोवेशन में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूती देना और दूसरे देशों के साथ मिलकर काम करना है. इस स्कीम के तहत कंबांइन रिसर्च और प्रोजेक्ट को ज्यदा से ज्यादा मंजूरी देना है, ताकि भारतीय किसी भी क्षेत्र में दुनिया के साइंटिस्ट्स के साथ मिलकर काम कर सकें.