मुसलमानों की जमानत पर दिग्विजय ने पूछा सवाल; कहा- "मुसलमानों के लिए जमानत 'अपवाद' क्यों?"
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2435075

मुसलमानों की जमानत पर दिग्विजय ने पूछा सवाल; कहा- "मुसलमानों के लिए जमानत 'अपवाद' क्यों?"

Digvijaya Singh on Muslims: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि "जमानत कानून है और जेल अपवाद". इस पर कांग्रेस नेता दिगविजय सिंह ने पूछा है कि "फिर मुसलमानों के लिए जमानत अपवाद क्यों हो जाती है."

मुसलमानों की जमानत पर दिग्विजय ने पूछा सवाल; कहा- "मुसलमानों के लिए जमानत 'अपवाद' क्यों?"

Digvijaya Singh on Muslims: कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि जब पीड़ित पक्ष मुस्लिम होता है, तो जमानत एक 'अपवाद' बन जाता है. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद सहित जेल में बंद कुछ कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की. उन्होंने उनके परिवारों के साथ एकजुटता जाहिर की. सिंह हाल में सुप्रीम कोर्ट की उस बयानबाजी का जिक्र कर रहे थे कि 'जमानत नियम है और जेल एक अपवाद.'

मुसलमानों पर बोले दिग्विजय
एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) की तरफ से 2019-20 में संशोधित नागरिकता कानून (CAA)-राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े कई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के चार साल पूरे होने के मौके पर आयोजित सामूहिक परिचर्चा में सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि RSS ने भारत में मुसलमानों को अपना निशाना बनाया है, जैसे जर्मनी में हिटलर के शासन के दौरान यहूदियों को निशाना बनाया गया था. जेल में बंद कार्यकर्ताओं के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए सिंह ने कहा कि वह ऐसे इलाके से आते हैं, जहां RSS को "नर्सरी" कहा जाता है.

RSS ने मुसलमानों को बनाया निशाना
दिग्विजय सिंह ने कहा, "मैं उन्हें हमेशा से करीब से जानता हूं. वे न तो लोकतंत्र में यकीन करते हैं और न ही संविधान में. जिस तरह से हिटलर ने यहूदियों को अपना निशाना बनाया, उसी तरह उन्होंने मुसलमानों को अपना निशाना बनाया है. जिस तरह से विचारधारा ने हर स्तर पर घुसपैठ की है, वह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है." उन्होंने कहा, "RSS एक गैर पंजीकृत संस्था है, इसकी कोई सदस्यता नहीं है, कोई खाता नहीं है. अगर कोई पकड़ा जाता है, तो वे उसे अपना सदस्य मानने से इनकार कर देते हैं, जैसा कि उन्होंने नाथूराम गोडसे की गिरफ्तारी के वक्त किया था. वे व्यवस्था में हर जगह घुस चुके हैं...हमें इस पर सोचने की जरूरत है."

यह भी पढ़ें: मुसलमानों की तालीम और नौकरी पर बोले दिग्विजय सिंह; कहा SC-ST से भी कम

मुसलमानों के लिए जमानत अपवाद
उन्होंने सवाल किया, "जमानत नियम है और जेल अपवाद है, फिर क्या कारण है कि मुसलमानों के लिए जमानत एक अपवाद बन जाता है?" वहीं, उमर खालिद के पिता एसक्यूआर इलियास ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) जैसे कड़े कानूनों पर चिंता जताई, जिसके तहत खालिद और अन्य को गिरफ्तार किया गया है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जो कार्यकर्ता अभी भी जेलों में हैं, उन्हें एक दिन "लोकतंत्र के योद्धा" के रूप में देखा जाएगा.

स्वरा ने जताई एकजुटता
अभिनेत्री स्वरा भास्कर, स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और संजय राजौरा ने भी जेल में बंद कार्यकर्ताओं के प्रति एकजुटता व्यक्त की. शरजील इमाम, खालिद सैफी, उमर खालिद और अन्य पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 के दंगों के कथित तौर पर "मास्टरमाइंड" होने के लिए आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे.

Trending news