Delhi Water Crisis : हे भगवान! जिसे पानी दिलाना है उसने हाथ खड़े कर दिए हैं, जिसे मदद करनी है वो प्रदर्शन में व्यस्त
Delhi water crisis: राजधानी में पानी का संकट नई बात नहीं. दिल्ली किसी मरुस्थल (रेगिस्तान) में नहीं है, जहां दूर-दूर तक रेत ही रेत हो. यमुना किनारे बसी दिल्ली और आस-पास के लोगों की प्यास बुझाने में कभी इस नदी का जल पर्याप्त था. लेकिन अब आखिर ऐसा क्या हो गया कि जनता बूंद-बूंद पानी को तरस रही है. मुगलों से लेकर गोरे अंग्रेजों ने जिस दिल्ली को राजधानी बनाया. वहीं के बीशिंदे भीषण गर्मी में 47 डिग्री सेल्सियस के टॉर्चर के बीच प्यासे रहने को मजबूर हैं. नॉर्थ से साउथ और ईस्ट से वेस्ट दिल्ली तक शायद ही कोई हिस्सा हो जहां त्राहिमाम न मचा हो. अब इसे दिल्लीवालों का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि जिस दिल्ली सरकार (आम आदमी पार्टी सरकार के पास यहां के करीब एक करोड़ लोगों की जिम्मेदारी है, उसने मानो अपने हाथ खड़े कर दिए हैं, वहीं जिस केंद्र सरकार को मदद करनी है, उसके सातों सांसद तो प्रदर्शन में व्यस्त है.
दिल्ली में हाहाकार
भाजपा ने दिल्ली में जल संकट को लेकर 14 जगहों पर केजरीवाल सरकार के खिलाफ मटका फोड़ प्रदर्शन किया. इसमें प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज भी शामिल हुईं. सचदेवा ने कहा- दिल्ली में पानी की कमी के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह सीएम अरविंद केजरीवाल है.
इस घटना पर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा- दक्षिण दिल्ली के पूर्व सांसद रमेश बिधुड़ी बीजेपी के गुंडों को लेकर आए और जल बोर्ड के दफ्तर पर तोड़फोड करवाई. BJP के लोग पाइपलाइन काे नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे सप्लाई प्रभावित हुई है. पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर पाइपलाइनों की सिक्योरिटी की मांग की है. वहीं दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हम पहले दिन से कहते आ रहे हैं कि AAP के मंत्री, MLA पानी की चोरी और कालाबाजारी करवाते हैं. इंद्रपुरी के बुद्ध विहार में लोगों से 35-35 हजार रुपए लेकर DJB के पाइप लाइन से पानी के अवैध कनेक्शन जोड़े गए हैं. सीएम, मंत्री, विधायक सब पानी की कालाबाजारी में लिप्त हैं.
दिल्ली में जल संकट विवाद रविवार को हिंसक हो गया. सैकड़ों की संख्या में आए लोगों ने छतरपुर जल बोर्ड ऑफिस पर पथराव और तोड़फोड़ की. ऑफिस पर मटके फेंके, जिसकी वजह से शीशे टूट गए. शुक्र है कि इस घटनाक्रम और प्रदर्शन में कोई घायल नहीं हुआ.
हाल ही में दिल्ली बीजेपी ने केजरीवाल के दिल्ली के जलसंकट को दूर करने के पुराने बयानों का वीडियो बनाते हुए सोशल मीडिया पर शेयर किया. आप भी देखिए किस तरह से केजरीवाल बीते 10 साल से प्यासी दिल्ली को लंदन जैसी हाईफाई बनाने का वादा करते हुए किस मुकाम तक पहुंच गए हैं.
दिल्ली के मालिक @ArvindKejriwal ने आख़िरकार दिल्ली को लन्दन बनाने में कामयाब हो गए pic.twitter.com/wy0ypsKopM
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) June 13, 2024
दिल्ली जल संकट पर गालिब का एक शेर एकदम फिट बैठता है कि - 'हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है.. वो हर इक बात पर कहना कि यूं होता तो क्या होता.' दरअसल बीते 30 साल में दिल्ली में कांग्रेस, BJP और AAP की सरकारों ने जी भरकर राज किया. लेकिन कोई भी इस समस्या से निजात न दिला सका. प्यासी दिल्ली के मौजूदा हालातों पर ये शेर इसलिए भी सही बैठता है कि हर दल ने यहां दूसरों पर नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए पानी की समस्या दूर कराने का वादा करके सत्ता हासिल की और सत्ता मिलने के बाद बस तारीख पर तारीख देते रहे.
दिल्ली की जनता करीब तीस सालों से गर्मी के सीजन में जलसंकट का सामना कर रही है. 1990 के दशक में दिल्ली में पानी की किल्लत की शुरुआत हुई और 2004 आते आते समस्या बड़ी विकट हो गई.
नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज ने भी विरोध प्रदर्शन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. बांसुरी स्वराज ने कहा- दिल्ली में जल संकट प्राकृतिक समस्या नहीं है. यह AAP द्वारा बनाई गई किल्लत है. दिल्ली के पास पर्याप्त पानी है. हरियाणा भी ज्यादा पानी रिलीज कर रहा है. 10 साल में AAP ने दिल्ली जल बोर्ड को 600 करोड़ के प्रॉफिट से 73000 करोड़ के लॉस में ला दिया है.
सातों सांसद अपने अपने समर्थकों के साथ सड़कों पर उतरे. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी पानी की किल्लत को लेकर सिर्फ केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया.
जल संकट को लेकर दिल्ली बीजेपी ने सीएम केजरीवाल का पुतला फूंका.
नॉर्थ दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने भी मटका फोड़ प्रदर्शन में हिस्सा लेकर केजरीवाल और दिल्ली सरकार को घेरते हुए दिल्ली के लोगों को प्यासा रखने वालों से इस्तीफा मांगा.
आज दिल्ली के सातों बीजेपी सांसदों ने जल संकट को लेकर व्यापक प्रदर्शन किया. बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली जल बोर्ड के छतरपुर स्थित दफ्तर के बाहर कांच तोड़कर प्रदर्शन किया.
बड़ी विडंबना है...
दिल्ली जल संकट पर हर राजनीतिक पार्टी के नेता अपनी-अपनी सियासत चमकाने में व्यस्त है. दिल्ली सरकार को चलाने वालों ने यूपी, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल को कोर्ट में घसीटकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की. वहां से बात नहीं बनी तो बीते शनिवार को केंद्र की बीजेपी सरकार ने मदद मांगी गई. उधर बीजेपी ने भी शनिवार और रविवार को लेकर जल संकट को लेकर भारी प्रदर्शन किया. आज राजधानी दिल्ली के सातों सांसदों ने पानी की समस्या को बीते 10 सालों में न सुलझा पाने को लेकर तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मांगते हुए दिल्ली की जल मंत्री को घेरा. गौरतलब है कि बीजेपी के नेता जल संकट को लेकर टैंकर माफिया और दिल्ली सरकार के बीच मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं.