भारत के तीन, चीन के पास एक, किस देश के हैं दुनिया में सबसे ज्यादा मिलिट्री बेस
Which Country has Most Military Base: सुपर पावर बनने के लिए किसी भी देश के पास दुनिया के अलग-अलग देशों में मिलिट्री बेस होने जरूरी हैं. इन मिलिट्री बेस पर घातक हथियार और साजो-सामान रखे होते हैं, जो किसी भी वक्त दुश्मन देश पर अटैक करने के काम आते हैं. इतना ही नहीं दुश्मन देश तक मदद पहुंचाने से रोकने में भी इन मिलिट्री बेस का काफी बड़ा योगदान होता है.
भारत के भी दुनिया के कई देशों में मिलिट्री बेस हैं, जो उसे बाकी देशों के ऊपर बढ़त बनाने का मौका देते हैं. इन मिलिट्री बेस के दम पर भारत अपने ऊपर आने वाले किसी भी खतरे से आसानी से निपट सकता है.आज हम आपको ऐसे देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके दुनिया में सबसे ज्यादा देशों में मिलिट्री बेस हैं.
अमेरिका
लिस्ट में पहले नंबर पर है अमेरिका. करीब 80 देशों में 750 मिलिट्री बेस अमेरिका के हैं. करीब 159 देशों में उसके 1,75000 सैनिक तैनात हैं. अगर किसी भी जगह कोई जंग छिड़ती है या विवाद खड़ा होता है, तो अमेरिका तुरंत एक्शन ले सकता है. अमेरिका के मिडिल ईस्ट में कई मिलिट्री बेस हैं, जहां 30,000 से ज्यादा सैनिक हैं। कतर में अल-उदीद एयर बेस, जो दोहा के पश्चिम में स्थित है, इस क्षेत्र में सबसे बड़ा अमेरिकी मिलिट्री बेस है, और मध्य पूर्व और पहले अफ़गानिस्तान में अमेरिकी अभियानों के लिए महत्वपूर्ण रहा है.
रूस
रूस दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्तियों में से एक है. एक से बढ़कर एक हथियार रूस के पाक हैं. मिलिट्री ताकत में कोई देश अमेरिका को सीधी टक्कर देता है तो वह रूस है. सेंट्रल और वेस्ट एशिया में रूस के पहले से कई मिलिट्री बेस हैं. अब वह अफ्रीका की तरफ रुख कर रहा है. कई देशों को उसने हथियार सप्लाई किए हैं. रूस ने सूडान में मिलिट्री बेस बनाने के लिए एग्रीमेंट किया है.
तुर्किये
सेंटर फॉर एप्लाइड तुर्किये स्टडीज के मुताबिक तुर्किये के पूरी दुनिया में तीन मिलिट्री बेस हैं. पहला नॉर्दन साइप्रस में 1974 में स्थापित किया गया था, जिसमें 30-40 हजार सैनिक तैनात हो सकते हैं. इसके बाद 2015 में मिडिल ईस्ट में उसने अपना पहला मिलिट्री बेस कतर में बनाया. 2017 में उसका तीसरा बेस बना सोमालिया में.
भारत
चीन-पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत भी लगातार अपना दबदबा पूरी दुनिया में बढ़ा रहा है. भारत के पास विदेशों में तीन मिलिट्री बेस हैं. भारत ने भारतीय जहाजों की मरम्मत के लिए ओमान में अपना सपोर्ट बेस बनाया है. इसके अलावा मॉरिशस में भारत का मिलिट्री बेस है, जिसमें हवाई पट्टी भी है. भारत का मध्य एशिया में भी मिलिट्री बेस है, जहां वह ताजिकिस्तान के साथ मिलकर पिछले दो दशकों से दुशांबे में आयनी एयरबेस का संचालन कर रहा है.
चीन
चीन का पूरी दुनिया में एक ही मिलिट्री बेस है, जो जिबूती में है. यह बेस अमेरिका के कैंप लेमोनियर से कुछ मील की दूरी पर स्थित है. इससे चीन की पहुंच जिबूती-अंबौली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि एशिया और अफ्रीका तक अगले 5-10 साल में चीन अपना सैन्य दबदबा फैलाना चाहता है.