Photos: कॉलेज में इश्क, पुतिन पर तरेरी आंखें...कौन हैं ओलेना जेलेंस्का, जो इंटरनेट पर छाईं

फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस ने चढ़ाई कर दी. ताबड़तोड़ हमलों से यूक्रेन की राजधानी कीव दहल उठी. यूक्रेन ने भी पलटवार किया, जो आज तक जारी है. उस दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की की जितनी चर्चा हुई थी, उतनी ही उनकी पत्नी ओलेंडा जेलेंस्का की भी हुई. यूक्रेन की फर्स्ट लेडी लगातार रूस के खिलाफ मुखर रही हैं. उन्होंने लगातार दुनिया के सामने रूस के हमलों का विरोध किया है. जब यूक्रेन के शहरों पर बमबारी की जा रही थी, तब जेलेंस्की ने कहा था कि उनका परिवार भी पुतिन के निशाने पर है. ओलेना और वोलोडिमीर के दो बच्चे एलेक्जेंड्रा और किरिल हैं. आइए आपको ओलेना के बारे में बताते हैं.

रचित कुमार Fri, 23 Aug 2024-5:26 pm,
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पेशे से स्क्रिप्टराइटर ओलेना जेलेंस्का 46 साल की हैं. भले ही वह यूक्रेन की फर्स्ट लेडी हैं लेकिन उनके पास अपना कोई ऑफिशियल ऑफिस नहीं है. रूस और पुतिन के खिलाफ उन्होंने जमकर मोर्चा खोला हुआ है. वह बच्चों की हेल्थ और संतुलित आहार के क्षेत्र में काम करती हैं. 

 

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उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया था कि उनकी बेटी एलेक्जेंड्रा के जन्म के वक्त वह खाने-पीने को लेकर बेहद लापरवाह थीं. मगर उन्होंने डॉक्टर की सलाह मानी और संतुलित आहार से अपना वजन 10 किलो तक कम किया, वो भी सिर्फ 3 महीने में.

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ओलेना हर कदम पर अपने पति वोलोडिमीर जेलेंस्की के साथ खड़ी रहीं. उनका जन्म यूक्रेन के किवो रॉग शहर में हुआ था. इसी शहर से उनके पति का भी ताल्लुक है. ओलेना रूसी भाषा की भी जानकार हैं.

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किवो रॉग शहर में ओलेना और वोलोडिमीर के कई कॉमन दोस्त थे. लेकिन दोनों मिले क्रिवो रॉग नेशनल यूनिवर्सिटी में. उस वक्त दोनों ही कानून की पढ़ाई कर रहे थे. उस वक्त ओलेना एक रिलेशनशिप में थीं और वोलोडिमीर कॉमेडी की फील्ड में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे.

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इसी कॉमेडी की वजह से ही दोनों करीब आए. यूक्रेन में टीवी कंटेंट मुहैया कराने वाला सबसे बड़ा ग्रुप के क्वॉर्टल 95 या स्टूडियो क्वॉर्टर 95. इसके संस्थापक सदस्यों में खुद वोलोडिमीर जेलेंस्की शामिल हैं. इसी स्टूडियो से बतौर स्क्रिप्टराइटर जुड़ी थीं ओलेना जेलेंस्का. दोनों की साल 2003 में शादी हुई थी. 

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जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है, तब से जेलेंस्की और उनकी पत्नी महिलाओं और बच्चों की स्थिति की तरफ पूरी दुनिया का ध्यान दिलाने में जुटी हुई हैं. उन्होंने लिखा था, हर रात बच्चों को बंकरों में ले जाना पड़ता है. हम एक शांतिप्रिय देश हैं और युद्ध के विरोध में भी. हमने हमले की पहल नहीं की है. हम हार भी नहीं मानेंगे.

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