Zepto Success Story:10 मिनट वाला धांसू आइडिया हुआ हिट, 19 साल के लड़के ने बना दिया ₹30064 करोड़ का धंधा, अब DMart को पछाड़ने का टागरेट सेट

Zepto CEO Aadit Palicha on DMart: जेप्टो के सीईओ ने दावा किया है कि वो इसी रफ्तार से बढ़ते रहे तो अगले 24 महीनों में डीमार्ट को पीछे छोड़ देंगे. जेप्टो को इतनी बड़ी कंपनी बनाने के पीछे 19 साल के दो दोस्तों का हाथ है. आइए जानते हैं कि कैसे 10 मिनिट के आइडिया ने इस बिडनेस को हिट बना दिया.

बवीता झा Sun, 07 Jul 2024-1:30 pm,
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जेप्टो का प्लान

Zepto CEO Aadit Palicha: कोरोना काल में शुरू हुई ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी कंपनी जेप्टो( Zepto) के सीईओ और को फाउंडर आदित पलिचा ( Aadit Palicha) ने दावा किया है कि उनकी कंपनी अगले 18-24 महीने में डीमार्ट (DMart) को पीछे छोड़ देगी. पलिचा ने कहा कि डीमार्च 30 अरब डॉलर की कंपनी है और सेल्स के मामले में जेप्टो ने 4.5 गुना अधिक, लेकिन हमारा प्रदर्शन अच्छा है और अगर ये प्रदर्शन जारी रहा तो हमारी सेल्स हर साल 2-3 गुना बढ़ती रहेगी और इस स्पीड से हम अगले 18-24 महीनों में डीमार्ट से आगे निकल जाएंगे.  हाल ही में कंपनी ने 3.6 अरब डॉलर यानी करीब ₹30,064 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन पर 665 मिलियन डॉलर यानी 5,553 करोड़ रुपए फंड जुटाया है. कंपनी की इस रफ्तार और बिजनेस आइडिया के पीछे बिजनेस के किसी मंझे हुए खिलाड़ी नहीं बल्कि 22-23 के दो दोस्तों का हाथ है.  

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कैसे हुई Zepto की शुरुआत

10 मिनट में आपके घर तक राशन पहुंचाने वाली इस ऑनलाइन ग्रॉसरी ऐप की शुरुआत 19 साल की उम्र में आदित पालिचा ने अपने दोस्त कैवल्य वोहरा के साथ ही. उनकी उम्र को देखकर उन लोगों की सोच बदल गई, जिनका मानना था कि बिजनेस चलाना बच्चों का खेल नहीं हैं. जिस उम्र में बच्चे पॉकेट मनी पर अपनी जरूरतों और ख्वाहिशों को पूरा करने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं, उस उम्र में कैवल्य वोहरा और आदित पालिचा ने अपनी कंपनी खड़ी कर दी और सिर्फ दो सालों में ही उसे यूनिकॉर्न बना दिया.  कोरोना काल में जब लोगों के कारोबार डूबने लगे, जेप्टो का पंख लग गया.  

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19 साल की उम्र में कर दिया कमाल

कैवल्य वोहरा और आदित पालीचा बचपन के दोस्त हैं. स्कूल के लेकर कॉलेज तक दोनों साथ में रहे. हायर स्टडी के लिए दोनों ने अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, लेकिन पढ़ाई में उनका मन नहीं लगा और उन्होंने अपना स्टार्टअप करने का प्लान बना लिया, दोनों के बीच एंटरप्रेन्योर बनने का कीड़ा था. पढ़ाई के दौरान भी छोटा-मोटा अपना काम शुरू किया, लेकिन वो चल ना सका. फिर क्या था, दोनों ने बीच में ही पढ़ाई छोड़कर वतन वापसी कर ली. 

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कैसे मिला 10 मिनट में डिलीवरी का आइडिया

 

कॉलेज छोड़कर दोनों मुंबई आ गए. दोनों ने ऑनलाइन फूड ऐप से खाना ऑर्डर किया, सिर्फ 10 मिनट में उनके पास फूड पहुंच गया. यहीं से उन्हें जेप्टो का आइडिया मिल गया. उन्होंने सोचा, जब 10 मिनट में खाना पहुंच सकता है तो ग्रॉसरी क्यों नहीं? फिर क्या था, दोनों ने साल 2021 में 1000 कर्मचारियों और डिलीवरी एजेंट्स के साथ Zepto की शुरुआत कर दी. कोरोना काल में जहां कंपनियां बंद हो रही थी, उन्हें भारी नुकसान हो रहा था, जेप्टो पहले ही साल में 7,300 करोड़ की कंपनी बन गई. 

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कोरोना काल में कर दिया कमाल

 

 कोरोना के दौरान कंपनी शुरू हुई जेप्टो ने जेप्टो को बड़ा फायदा करवाया और एक ही महीने में उन्होंने 200 मिलियन की कमाई कर ली. पहले साल में कंपनी का वैल्यूएशन 900 मिलियन डॉलर यानी 7,300 करोड़ के पार पहुंच गया.  कंपनी ने अपना विस्तार करना शुरू किया और महानगरों से छोटे-शहर में बढ़ने की दिशा में काम कर रही है. 

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कितनी बड़ी कंपनी

 

इंस्टेंट ग्रॉसरी डिलीवरी ऐप जेप्टो ने हाल ही में 3.6 बिलियन डॉलर यानी 30,064 करोड़ रुपए के वैल्यूएशन पर 665 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया है. इससे पहले कंपनी ने अगस्त 2023 में 1.4 बिलियन डॉलर यानी 11,691 करोड़ रुपए की वैल्यूएशन पर 235 मिलियन डॉलर का अंड जुटाया. कंपनी देश के टॉप 40 शहरों में 5 से 7.5 करोड़ परिवारों पर फोकस कर रहा है. आदित पलिता के मुताबिक साल 2029 तक देश का किराना मार्केट 850 अरब डॉलर का हो जाएगा, जिसमें इन परिवारों का योगदार 400 अरब डॉलर का होगा.  

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