Satyanarayan Nandlal Nuwal: स्टेशन पर सोने वाला भी बन सकता है बिजनेसमैन...10वीं पास इस शख्स ने 1000 रुपये से खड़ी कर दी ₹92000 करोड़ की कंपनी

कहते हैं न सफलता मुश्कलों के बाद मिले तो उसका स्वाद और भी बढ़ जाता है. संघर्ष के बाद मिली सक्सेस मिसाल बन जाती है. ऐसी ही मिसाल हैं सत्यनारायण नुवाल (Satyanarayan Nandlal Nuwal).

बवीता झा Jul 15, 2024, 07:42 AM IST
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सत्यनारायण नुवाल का किस्सा

Satyanarayan Nandlal Nuwal Success Story: कहते हैं न सफलता मुश्कलों के बाद मिले तो उसका स्वाद और भी बढ़ जाता है. संघर्ष के बाद मिली सक्सेस मिसाल बन जाती है. ऐसी ही मिसाल हैं सत्यनारायण नुवाल (Satyanarayan Nandlal Nuwal). कोई सोच भी नहीं सकता है कि एक 10वीं पास लड़का, जिसने अपनी रातें रेलवे स्टेशन पर गुजारी, वो करोड़ों की कंपनी की मालिक बन सकता है. लोग सोच नहीं पाते, लेकिन सत्यनारायण नुवाल ने ये करके दिखा दिया.  उन्होंने साबित कर दिया कि बिजनेसमैन बनने के लिए आपके पास अपार धन-दौलत या बिजनेस घराने का संबंध होना जरूरी नहीं है. 

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कौन हैं सत्यनारायण नुवाल

सत्यनारायण नुवाल (Satyanarayan Nandla), जाने माने उद्योगपति हैं. उनकी कंपनी सोलर इंडस्ट्री ( Solar Industries) औद्योगिक विस्फोटक (Industrial Explosives) और गोला-बारूद बनाती है, जिसकी नींव उन्होंने सिर्फ 1000 रुपये से रखी थी. जिस कंपनी को उन्होंने 1995 में शुरू किया, आज उसका कारोबार 65 देशों में फैला है और उनकी गिनती औद्योगिक विस्फोटक और विस्फोटक के सबसे बड़े निर्माताओं में होती है. 

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10वीं पास ने कैसे खड़ा कर दिया करोड़ों का कारोबार

 

अगर आप सोचते हैं कि बड़ा बिजनेस मैन बनने के लिए बड़ी-बड़ी डिग्रियां और विदेशों की पढ़ाई जरूरी है, तो सत्यनारायण नुवाल ने इस धारणा को भी बदल दिया. सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई कर उन्होंने अपनी मेहनत और अपनी काबिलियत के दम पर ये कारोबार खड़ा किया. राजस्थान के  भीलवाड़ा में एक मिडिल क्लास फैमिली में जन्में सत्यनारायण के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी बेहतर नहीं थी कि वो आगे की पढ़ाई कर सकें. इसलिए 10वीं के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी. दादा की छोटी सी परचून की दुकान थी, जिसमें मदद करने लगे, लेकिन वो समझ चुके थे कि इतनी कमाई से कुछ नहीं होने वाला. 

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1000 रुपये से शुरू किया काम

सत्यनारायाण नुवाल ने स्याही का बिजनेस शुरू किया, लेकिन वो ठप हो गया. छोटे-मोटे कई कारोबार शुरू किए, लेकिन फेल होते रहे. कई बार हारने के बाद भी उन्होंने कोशिश जारी रखी. सत्यनारायण नुवाल की शादी 19 साल में हो गई थी. वहीं, शादी की नई ज़िम्मेदारी की वजह से उन्हें राजस्थान से महाराष्ट्र के बल्लारशाह आना पड़ा. यहां उनकी मुलाकात अब्दुल सत्तार अल्लाह भाई से हुई. नुवाल को पता चला कि अब्दुल के पास विस्फोटक लाइसेंस और एक मैगज़ीन है, लेकिन वो इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. उन्होंने 1000 रुपये देकर उनसे वो लाइसेंस ले लिया . पैसे थे नहीं , इसलिए छोड़ा-थोड़ा करके अब्दुल को पैसा देने का वादा कर लाइसेंस लिया और धंधा शुरू करने में जुट गए.  

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कई रातें स्टेशनों पर बिताई

इंडस्ट्रियल एक्‍सप्‍लोसिव इंडस्‍ट्री में बिना किसी अनुभव और बिना किसी बड़े बैंक बैलेंस के घुसना आसान नहीं था. कई बार मुश्किलें आई. पैसों की तंगी इतनी बढ़ी कि उनके पास कमरे का किराया देने तक के पैसे नहीं बचे थे. न खाने को पैसे थे, न ही किराए के, उन्हें कई रातें रेलवे स्टेशनों पर गुजरानी पड़ी.  तमाम मुश्किलों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी . धीरे-धीरे उनका धंधा चल पड़ा. 1995 में SBI से उन्होंने 60 लाख का कर्ज़ लेकर विस्फोटक निर्माण की छोटी यूनिट बनाई, जो   कोल इंडिया लिमिटेड उनका भरोसे वाला ग्राहक बना.  

 

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कितना बड़ा कारोबार , कितनी है दौलत

 

वो समझ चुके थे कि आने  वाला वक्त सेलर एनर्जी, ग्रीन एनर्जी को होने वाला है. विस्फोटक के बाद साल 1996 में उन्होंने सोलर एनर्जी की शुरुआत की. सोलर एनर्जी इंडस्ट्रीज़ के साथ उन्होंने कारोबार को बढ़ाया. आज उनके कंपनी में 7000 से ज्यादा स्टाफ काम करते हैं. कुछ सालों की मेहनत के दम पर उन्होंने करोड़ों का कारोबार खड़ा कर दिया. Forbes के अनुसार, उनकी नेट वर्थ 5.7 बिलियन डॉलर यानी क़रीब 4,75,88,41,65,000 रुपये है. वहीं उनकी कंपनी का मार्केट कैप  1 लाख करोड़ के पास सपहुंच गया है. 

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