फांसी से पहले दोषी के चेहरों को काले कपड़े से क्यों ढकते हैं? क्या आप जानते हैं वजह

Why prisoners head is covered with black cloth before hanging: आप सबने खूब पढ़ा और सुना होगा कि किसी कैदी को फांसी की सजा की सजा सुना दी गई. लेकिन कभी आपने यह सुना है कि फांसी के समय कैदियों के चेहरे को काले कपड़े से क्यों ढक दिया जाता है. अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं आखिर इसके पीछे क्या है राज.

कृष्णा पांडेय Jan 02, 2025, 13:58 PM IST
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फांसी, यह शब्द आपको भले न डराए, लेकिन किसी को वहां लटकाए जाने से पहले और बाद का जो माहौल होता होगा उसे सोचकर ही सिहरन पैदा हो जाती है. सामने फांसी के फंदे, पुलिसवाले, जल्लाद और उन सबके बीच कैदी, जिसे पता है कि अब उसका अंतिम वक्त आ गया है. बंदी के मन में उस वक्त क्या चल रहा होता होगा यह बताना मुमकिन नहीं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर फांसी के पहले दोषियों को काले कपड़े से चेहरा क्यों ढक दिया जाता है.

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फांसी से ठीक पहले काला कड़ा पहनाने की दुनिया भर में तीन वजहें मानी जाती हैं.

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पहली वजह है फांसी के दौरान कैदियों का चेहरा न ढका जाए तो फांसी का लिवर खिंचता देखकर कैदी डर की वजह से हिलने लग सकता है. और फांसी ही न हो पाए, इसलिए फांसी के फंदे को नाप कर गर्दन पर रखा जाता है. अगर गांठ अपनी जगह से हिल गई तो ये भी हो सकता है कि कैदी तुरंत ना मरे.

 

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दूसरी वजह ये होती है कि कैदी के गले की त्वचा पर फांसी के फंदे का गहरा निशान ना रह जाए. फांसी के फंदे का लिवर तेज़ी से खींचने के बाद जब कैदी का शरीर नीचे को जाता है तो ये इतनी स्पीड से जाता है कि फंदे की वजह से घर्षण होकर त्वचा जल जाती है. और अगर मास्क को फंदे से न बांधा जाए तो गले पर गोलाई में जलने के निशान रह जाएंगे.

 

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तीसरी और सबसे ज़रूरी वजह. फांसी के बाद का चेहरा. जिसे फांसी चढ़ाया जाता है उसकी आंखें और जीभ इतने दबाव से बाहर आ जाती हैं. वहां मौजूद लोगों या किसी के लिए भी इस चेहरे को देख पाना लगभग असंभव होता है. एक बार इंसान को इस हालत में देखने के बाद इसका असर दिमाग़ पर लम्बे समय तक रह सकता है. इसलिए कैदी का चेहरा ढंक दिया जाता है.

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अब असली सवाल की चेहरे पर ढकने वाले कपड़े का रंग काला ही क्यों होता है तो The Lallantop में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, तिहाड़ के पूर्व जेलर और ब्लैक वॉरेंट-कन्फेशंस ऑफ अ तिहाड़ जेलर किताब के लेखक सुनील गुप्ता ने बताया कि फांसी के समय कैदी को काला कपड़ा पहनाया जाता है. सिर को काले मास्क से ढंका जाता है. काला रंग इसलिए क्योंकि फांसी की ये पूरी प्रक्रिया Black Act मानी जाती है. क़ानून और अपराध ने ये हत्या करने के लिए सिस्टम को मजबूर किया. इसलिए कपड़ों और मास्क का रंग काला ही रखा जाता है.

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