OWL: हजारों कौवों, कबूतरों के बाद अब मारे जाएंगे 450000 उल्लू, तंत्र साधना नहीं बल्कि ये है वजह
The US`s controversial owl-killing plan: चंद रोज पहले खबर आई थी कि केन्या में 10 लाख कौवों को मारने की तैयारी है. कुछ वैसा ही घातक प्लान अब अमेरिका में भी बन रहा है. लेकिन वहां कौवों के नहीं, बल्कि उल्लुओं का कत्लेआम मचने जा रहा है. पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. इस मास मर्डर की वजह हम बताएं इससे पहले जान लीजिए कि उल्लुओं का इंसानों से करीबी नाता है. उल्लू को धन की देवी लक्ष्मी जी का वाहन माना जाता है. उल्लू का इस्तेमाल तंत्र-मंत्र में होता है. हाथरस भगदड़ (Hathras stamped) में 123 मौतों का जिम्मेहारा बाबा साकार हरि (Baba Sakar Hari) भी उल्लू का काजल आंख में लगाकर भक्तों को सम्मोहित करता था. गंभीर से इतर कुछ लाइट मोड की बात करें तो कुछ बार अक्सर इंसानों की तुलना भी उल्लू से कर दी जाती है. उल्लू पर शेरो-शायरी भी लिखी गई है. मशहूर फनकार और अवधी भाषा के जानकार रफीक शादानी (Rafiq Shadani) ने तो उल्लुओं पर बड़ा गजब लिख दिया है- तुम चाहत हौ भाईचारा? उल्लू हौ। देखैं लाग्यौ दिनै मा तारा? उल्लू हौ। समय कै समझौ यार इशारा उल्लू हौ, तुमहू मारौ हाथ करारा- उल्लू हौ.
उल्लुओं का कत्लेआम
अब आप सोच रहे होंगे कि भला उल्लुओं ने सुपरपावर अमेरिका का क्या बिगाड़ा है? जो उन्हें गोली मारने की तैयारी की जा रही है. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि अमेरिका में लाखों उल्लुओं का कत्लेआम, उल्लुओं को ही बचाने के लिए किया जाएगा.
गोली मारकर होगा काम तमाम
उल्लुओं की प्रजाति को बचाने के लिए ये कत्लेआम होने जा रहा है. करीब 450000 उल्लुओं को मारने के इसके लिए अमेरिका के पश्चिम के जंगलों में ट्रेंड निशानेबाजों को तैनात करने का फैसला किया गया है. इस योजना के तहत अगले तीन दशक में 4 लाख 50 हजार बार्ड उल्लुओं को गोली मारकर मौत के घाट उतारा जाएगा.
छोटे उल्लुओं पर बड़े उल्लुओं का हमला
अब सवाल है कि आखिर एक साथ साढ़े चार लाख बार्ड उल्लुओं का कत्ल करने की वजह क्या है. तो आपको बता दें कि अमेरिका में 'स्पॉटेड उल्लू' की प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर है. इसकी वजह है इन छोटे 'स्पॉटेड उल्लुओं' पर बड़े बॉर्ड उल्लुओं का हमला.
बड़े पैमाने पर उल्लुओं को इसलिए मारा जा रहा है
बार्ड उल्लू, पूर्वी अमेरिका में पाए जाते हैं. जो पश्चिमी तट पर कब्जा कर रहे है. बड़े और आक्रामक होने की वजह से ये स्पॉटेड उल्लुओं को मार रहे है. छोटा होने की वजह से स्पॉटेड उल्लू अपना बचाव नहीं कर पा रहे है.
उल्लुओं को मारने का प्लान
अमेरिकी अधिकारी भी मानने लगे हैं कि जंगलों को संरक्षित करने के बावजूद छोटे उल्लुओं की प्रजाति खतरे में है. और इसकी बड़ी वजह बड़े और आक्रामक बॉर्ड उल्लु है. जो स्पॉटेड उल्लुओं के ठिकानों पर कब्जा कर रहे है. इसी को देखते हुए अब छोटे उल्लुओं को बचाने के लिए बड़े उल्लुओं को मारने का प्लान बनाया गया है.
किसे बचाना किसे मारना?
अमेरिका का वन्यजीव विभाग ओरेगॉन, वाशिंगटन और कैलिफोर्निया में स्पॉटेड उल्लुओं की आबादी को बढ़ाना चाहता है. जिसके लिए कई कदम उठाए जा रहे है. लेकिन बॉर्ड उल्लु इसमें बड़ी बाधा बन गए है. ऐसे में बॉर्ड उल्लुओं को मारा जाएगा.
पक्षी प्रेमी कर रहे विरोध
हालांकि अमेरिका में एक पक्षी को बचाने के लिए, दूसरे पक्षी को मारने के फैसले का विरोध भी हो रहा है. पक्षी प्रेमियों का कहना है कि बड़े उल्लुओं को मारने के बजाय छोटे उल्लुओं को संरक्षण देना चाहिए.
साफ है कि छोटे उल्लुओं की प्रजातियों को बचाने के लिए बड़े उल्लुओं को मारने का खाका तैयार हो चुका है. इसके पहले केन्या में हजारों कौवों को मारा जा चुका है. बर्ड फ्लू के डर से भारत समेत दुनियाभर में मुर्गे-मुर्गियां भी मारी जा रही हैं.
उल्लू हौ
मशहूर शायर रफीक शादानी (Rafiq Shadani) ने उल्लुओं पर बड़ा जबरदस्त लिखा है. रफीक साहब ने कलम से लिखकर शायरी नहीं की, लेकिन उन्होंने कलम के वकार को अपनी लेखनी से सींचा- एक कमाल देखिए- 'तुम चाहत हौ भाईचारा? उल्लू हौ। देखै लाग्यौ दिनै मा तारा? उल्लू हौ। समय कै समझौ यार इशारा उल्लू हौ, तुमहू मारौ हाथ करारा- उल्लू हौ। जवान बीवी छोड़ के दुबई भागत हौ? जैसे तैसे करौ गुजारा - उल्लू हौ। कहत रहेन ना फँसौ प्यार के चक्कर मा झुराय के होइ गयेव छोहारा - उल्लू हौ। डिगिरी लैके बेटा दर दर भटकौ ना, हवा भरौ बेंचौ गुब्बारा - उल्लू हौ। इनका उनका रफीक का गोहरावत हौ? जब उ चहिहैं मिले किनारा - उल्लू हौ।'