Rajasthan Election 2023, CM Ashok Gehlot News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान पीसीसी की नई कार्यकारिणी की पहली बैठक में पदाधिकारियों से सक्रियता से काम करते हुए चुनाव में पार्टी की सरकार को रिपीट कराने का आह्वान किया है. मीटिंग में वीसी से जुड़े सीएम गहलोत ने के प्रदेश कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों से कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि एंटी इनकंबेंसी नहीं है. सीएम बोले कि ऐसा इसलिए भी है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी और सरकार ने मिलकर प्रस्ताव पास किए और उसके चलते बेहतरीन बजट से जनता में माहौल बदला है.



पहली बार ऐसा हुआ है कि एंटी इनकंबेंसी नहीं है- गहलोत


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सीएम ने कहा कि अब लोग कहने लगे हैं कि राजस्थान में सरकार आ सकती है. मुख्यमंत्री ने इस दौरान पदाधिकारियों से कहा कि सरकार आ सकती है और आएगी में बहुत अंतर होता है. अब जनता जब सरकार आ सकती है कहने लगी है तो अब जब पदाधिकारी मेहनत करेंगे और जनता के बीच जाकर माहौल बना देंगे तो जनता भी कहने लगेगी की सरकार आएगी.


जनता भी कहने लगेगी की सरकार आएगी- गहलोत


अगर जनता यह कहने लगेगी तो राजस्थान का यह मैसेज पूरे देश में जाएगा. गहलोत ने पदाधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि आप ऐसा काम कर सकते हैं कि एक महीने में लोग कहने लगेंगे की सरकार आ रही है.


मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत ने पीसीसी की नई टीम से काम में जुटने का आह्वान किया है. सीएम ने कहा कि मैं हर बार यह कोशिश करता था कि पीसीसी अधिवेशन करे और प्रस्ताव हमें भेजें, लेकिन दुर्भाग्य से मैं कामयाब नहीं हो पाया. पहली बार पीसीसी ने मेरे कहने के बाद प्रस्ताव बनाए और हमें भेजें.


PCC की नई टीम से काम में जुटने का आह्वान किया- गहलोत 


सीएम ने कहा कि इन्हीं प्रस्तावों के आधार पर हमने बजट पास किए। लेकिन यह जो माहौल बना है यह खाली मेरे अकेले की वजह से नहीं बना है खाली बजट पेश करना सब कुछ नहीं होता. सीएम ने कहा कि बजट को पेश करना और बजट इंप्लीमेंट करना अलग अलग बात होती है. मैंने अधिकांश घोषणाओं को इंप्लीमेंट करना शुरू कर दिया है लेकिन इन सब बातों के बावजूद हमें चुनाव जीतने के लिए कई बातें करनी पड़ती है जिनमें व्यवहार मेहनत और जनसंपर्क शामिल है.


कार्यकारिणी में आने के लिए कई लोग सिफारिश करवाते हैं लेकिन बनने के बाद 5 लोग भी काम करने वाले नहीं मिलते अध्यक्ष ढूंढता रह जाता है.


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक लेते हुए नसीहत भी दी और कहा कि जब नई-नई कार्यकारिणी बनती है तो लोग सिफारिश करवाते हैं कि हमें पद मिलना चाहिए, खुद के काम भी लोग गिनाते हैं.लेकिन पद मिलने के बाद धीरे-धीरे यह स्थिति बन जाती है कि प्रदेश अध्यक्ष को 5 लोग भी काम करने वाले नहीं मिलते हैं.


राहुल गांधी अकेले कुछ नहीं कर सकते- गहलोत


अध्यक्ष ढूंढता रह जाता है. यह क्या तरीका होता है? जब कोई पदाधिकारी बना है तो वह खुद प्रदेश अध्यक्ष को आकर कहे कि मैं क्या काम कर सकता हूं. यह मैं कर चुका हूं, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति ऐसी हो जाती है कि ज्यादातर पदाधिकारी इनएक्टिव हो जाते हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी जो पदाधिकारी बने हैं वह उस समय चैलेंज को स्वीकार कर रहे हैं जब दिल्ली में हमारी सरकार नहीं है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अकेले कुछ नहीं कर सकते. हम सबको राहुल गांधी और मलिकार्जुन खरगे के हाथ मजबूत करने होंगे.