Patna: बिहार के सियासत की बात करें तो LJP में दो फाड़ होने की वजह से प्रदेश की सियासी सरगर्मी अभी तेज है. LJP अब दो खेमें में बंट चुकी है. एक खेमा जहां रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के भाई पशुपति पारस के साथ है तो वहीं दूसरा खेमा रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) के साथ है.
 
दरअसल, पार्टी में भूचाल तब मचा जब पशुपति पारस ने 4 अन्य सांसदों के साथ बगावत कर दिया और चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया. वहीं, चिराग खेमे ने पार्टी पर अपना अधिकार जमाते हुए बागी सांसदों को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इसके बाद पारस खेमे ने पशुपति कुमार पारस को LJP का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया. ऐसे में अब चिराग पासवान ने 20 जून को राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक बुलाया है.
 
LJP के विवाद से BJP का मतलब नहीं
इस बैठक को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि LJP का यह अंदरूनी मामला है और इस पर मैं कुछ नहीं बोल सकता. एलजेपी के विवाद से BJP को कोई मतलब नहीं है.


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असली  LJP का मालिक कौन? 
चिराग पासवान के द्वारा कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि आश्चर्य होता है कि कांग्रेस पार्टी में बड़े-बड़े नेता रहे हैं, गांधी नेहरू कि हम अनुयाई हैं. LJP में संगठन की लड़ाई नहीं बल्कि परिवार की लड़ाई ज्यादा है. दोनों में पार्टी का बंटवारा नहीं हो रहा है बल्कि मलाई का बंटवारा हो रहा है. अब कोर्ट निर्णय करेगा कि असली LJP का मालिक कौन है.
 
चिराग तेजस्वी के साथ आकर जनता को दें संदेश
वहीं, इस मामले में RJD MLC रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि चिराग पासवान के साथ जनता है और लोजपा के लीडर चिराग पासवान हैं. अब चिराग पासवान के सामने चुनौती है कि बिहार के अंदर वह आएं और जनता में संदेश दें कि वह तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के साथ हैं.