नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली और महागठबंधन को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा. पीएम ने लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि कलकत्ता के जिस मंच से ये लोग देश और लोकतंत्र बचाने की बात कर रहे थे, उसी मंच से एक नेता ने बोफोर्स घोटाले की याद दिला दी. आखिर सच्चाई कभी तो मुंह पर आ ही जाती है.


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दरअसल, रविवार को तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने कोलकाता में विपक्षी दलों की रैली का आयोजन किया था. इसमें भाषण देते हुए शरद यादव ने कहा था, ''बोफोर्स की लूट, फौज का हथियार, फौज का जहाज लाने का यहां काम हुआ है. ये जो सरकार है, भारत के लोग सीमा पर शहादम दे रहे हैं और डकैती डालने का काम बोफोर्स में हुआ, डकैती हो गई है.''  यह सुनते ही तुरंत टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने हस्तक्षेप किया और फिर यादव ने अपनी गलती सुधारते हुए कहा, ''राफेल, माफ कीजिएगा मैं गलती से बोफोर्स बोल गया था.''


विपक्ष के नेता के इस भाषण के वीडियो को बीजेपी ने अपने ट्विटर से भी शेयर किया है और लिखा, ''महागठबंधन के मंच पर नेताओं की जुबान से सच निकला.''



पीएम मोदी पर टिप्पणी
जब शरद यादव से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपनी सफाइ में कहा, ''सवाल यह है कि क्या वह (मोदी) इतने मजबूर हैं कि जुबान फिसलने की घटना के बारे में बात कर रहे हैं. यह हंसने योग्य है.




इस रैली में पूर्व प्रधानमंत्री एवं जनता दल सेक्यूलर प्रमुख एच डी देवेगौड़ा, तीन वर्तमान मुख्यमंत्री - चंद्रबाबू नायडू (तेलुगु देशम पार्टी), एचडी कुमारस्वामी (जनता दल सेक्यूलर) और अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), छह पूर्व मुख्यमंत्री - अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी), फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला (दोनों नेशनल कांफ्रेंस), बाबूलाल मरांडी (झारखंड विकास मोर्चा), हेमंत सोरेन (झारखंड मुक्ति मोर्चा) और इसी हफ्ते भाजपा छोड़ चुके गेगांग अपांग, आठ पूर्व केंद्रीय मंत्री- मल्लिकार्जन खड़गे (कांग्रेस), शरद यादव (लोकतांत्रिक जनता दल), अजित सिंह (राष्ट्रीय लोक दल), शरद पवार (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी), यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा और राम जेठमलानी ने हिस्सा लिया.


इनके अलावा, राजद नेता एवं बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रतिनिधि एवं राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा, पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और जानेमाने दलित नेता एवं गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी भी मंच पर नजर आए.