Mahakumbh 2025: अब मुस्लिम वक्फ के `कब्जे वाले` दावों से निपटेंगे देशभर के संत, महाकुंभ में बनाएंगे `सनातन बोर्ड` बनाने की रणनीति; तैयार करेंगे नियम
Prayagraj Mahakumbh 2025: देशभर में हिंदुओं की संपत्ति पर मुस्लिम वक्फ बोर्ड के `कब्जे वाले` दावों से संतों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है. इससे निपटने के लिए संत-महात्मा अब महाकुंभ में सनातन बोर्ड के गठन पर चर्चा करने जा रहे हैं.
Akhara Parishad on Sanatan Dharma Board: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले वर्ष आयोजित होने वाले महाकुम्भ मेले में 27 जनवरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एक धर्म संसद का आयोजन करेगी, जिसमें साधु संतों के बीच सनातन बोर्ड के गठन पर चर्चा की जाएगी. आह्वान अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधूत बाबा अरुण गिरि जी महाराज ने बताया कि धर्म संसद में सभी 13 अखाड़ों के साधू संत, पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर आदि शामिल होंगे. उसमें इस बात पर चर्चा होगी कि सनातन बोर्ड में क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए.
सनातन बोर्ड के लिए संत-महात्मा बनाएं नियम
उन्होंने कहा, “सनातन बोर्ड के लिए नियम कानून संत महात्मा ही तय करें और इस बोर्ड में सभी 13 अखाड़ों के महापुरुष पदाधिकारी हों. इस धर्म संसद में इस बात पर चर्चा होगी कि सनातन बोर्ड का बायलाज कैसे बनाया जाए. यह आयोजन, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी की अध्यक्षता में होगा.”
महंत रवींद्र पुरी के नेतृत्व में होगा आयोजन
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि 27 जनवरी को मेला क्षेत्र के काली सड़क पर स्थित हमारे पंडाल में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश विदेश से बड़े बड़े संत, विद्वान आएंगे और इन सभी के साथ वार्ता होगी. उन्होंने बताया कि वार्ता के बाद ही सनातन बोर्ड के गठन पर निर्णय किया जाएगा.
मुस्लिम वक्फ बोर्ड के बेतुके दावों से नाराज
पुरी ने कहा कि पहले यह धर्म संसद अगले वर्ष 26 जनवरी को प्रस्तावित थी लेकिन 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस होने से इस आयोजन की तिथि बढ़ाकर 27 जनवरी करने का निर्णय लिया गया. बता दें कि देशभर के साधु-संत भारत में हिंदुओं की संपत्ति पर मुस्लिम वक्फ बोर्ड के बेतुके दावों से नाराज हैं.
हिंदुओं की संपत्तियों पर कब्जे कर रहा बोर्ड!
कानूनन वक्फ बोर्ड के दावों को देश की किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती. वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपना बताते हुए नोटिस जारी कर सकता है. उस नोटिस के खिलाफ सुनवाई भी केवल वक्फ बोर्ड में ही हो सकती है और अंतिम फैसला भी वक्फ बोर्ड ही करता है. मनमोहन सिंह के पीएम रहते हुए कांग्रेस ने मुस्लिम वक्फ बोर्ड को असीमित शक्ति प्रदान की थी, जिससे देशभर के हिंदू परेशान हैं और अब अपनी सुरक्षा के लिए सनातन बोर्ड बनाए जाने की मांग कर रहे हैं.