Amalaki Ekadashi Remedies: हर माह के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि को एकादशी का व्रत रखा जाता है. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार आमलकी एकादशी 3 मार्च के दिन पड़ रही है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. आमलकी का अर्थ है आंवला. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा का महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और आंवला अर्पित करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है.


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आंवला एकादशी को रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है. सालभर में आने वाली एकादशियों में से आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव और मां पार्वती की भी पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव पहली बार मां पार्वती को लेकर काशी पहुंचे थे. इस दिन महाकाल और मां पार्वती की यात्रा निकाली जाती है. इस दिन इन दो महाउपायों  को करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है.


आमलकी एकादशी के दिन करें स्नान


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आंवला एकादशी के दिन सुबह उठकर सभी कार्यों से निवृत्त होने के बाद स्नान कर स्वस्थ वस्त्र धारण कर लें. इस दौरान स्नान करते समय जल में सात बूंद गंगाजल, एक चुटकी तिल और एक आंवला डाल लें. इसके बाद इस पानी से स्नान कर लें. कहते हैं कि इस उपाय को करने से तीर्थ स्थान पर स्नान करने के बारबार फल की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही, व्यक्ति द्वार जाने-अनजाने में किए गए सभी प्रकार के पापों से भी मुक्ति मिलती है.


आंवला का करें दान


विष्णु पुराण में कहा गया है कि भगवान विष्णु को आंवला बेहद प्रिय है. इस वृक्ष की पूजा के साथ  भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है. इस वजह से इस खास दिन आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर ब्राह्मणों को भोजन कराएं. इतना ही नहीं, कहते हैं कि इस दिन आंवला दान करने से 1000 गायों के दान और यज्ञों के बराबर फल की प्राप्ति होती है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)