Amalaki Ekadashi 2024 Date: हिंदू धर्म में जिस तरह अमावस्या और पूर्णिमा का महत्व है उसी तरह से एकादशी का भी बहुत अधिक महत्व माना जाता है. विष्णु भगवान को समर्पित एकादशी के दिन व्रत करने से श्री विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और विधि विधान से पूजा करने वाले के घर में सुख शांति स्थापित होने के साथ ही आर्थिक स्थिति में भी सुधार आता है.  पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी तिथि का महत्व समझाते हुए कहा कि बड़े-बड़े यज्ञ से भी उन्हें उतनी प्रसन्नता नहीं मिलती जितनी एकादशी व्रत के अनुष्ठान से मिलती है. विभिन्न एकादशियों में आमलकी एकादशी का परम स्थान है


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कब है आमलकी एकादशी
विभिन्न एकादशियों में आमलकी एकादशी का परम स्थान है. हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी मनाई जाती है. इस साल 20 मार्च को आमलकी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु का पूजन आंवले के वृक्ष में किया जाता है. माना जाता है कि आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु वास करते हैं. आंवले का फल उन्हें बहुत प्रिय है. इसलिए आमलकी एकादशी के दिन आंवले और भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन आंवले के वृक्ष का रोपण करना भी बेहद शुभ माना जाता है. 


 


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आमलकी एकादशी पूजा का महत्व
धार्मिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने सृष्टि सृजन के लिए ब्रह्मा जी के साथ ही आंवले के वृक्ष को भी जन्म दिया था. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-पाठ और व्रत करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. जो लोग मोक्ष पाना चाहते हैं, उन्हें आमलकी एकादशी का व्रत कर आंवले पेड़ की पूजा करनी चाहिए, ऐसा करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)