Kumbh Lagna People: कुंभ लग्न के लोग कोमल हृदय वाले होते हैं,  किसी को तड़पते नहीं देख सकते हैं, यह अपने शत्रुओं के हित में भी सोचते हैं, वक्त पड़ने पर दूसरों से बहुत चतुराई से अपना काम निकाल लेने में माहिर होते हैं, ऐसे लोग प्रायः सुंदर होते हैं, कुंभ लग्न  वालों को अपनी बात स्वीकार न किए जाने पर बड़ा क्रोध आता है.  यह लोग गुस्से में अपना ही नुकसान कर लेते हैं. इन सब बातों के बाद एक बात जरूर ध्यान देने वाली है कि इनका गुस्सा बहुत जल्दी ही ठंडा हो जाता है. कुंभ वाले को यदि किसी बात में शक हो जाए तो वह उस बात की सच्चाई पता लगाने के लिए उसकी तह तक पहुंच कर ही दम लेते हैं.



धन के मामले में भाग्यशाली होते हैं कुंभ लग्न के लोग


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कालपुरुष यानी मूल कुंडली में ग्यारहवें भाव में पड़ती है कुंभ. यह एकादश भाव होता है लाभ का. इसी भाव से पता लगता है कि जातक को इस जन्म में कितना लाभ मिलना है,  यही भाव आय का भी होता है. कुंभ का अर्थ होता है घड़ा, जिन लोगों का जन्म कुंभ लग्न में होता है वह भाग्यशाली होते हैं. यदि कुंडली में ग्रह ठीक-ठाक स्थिति में हों तो जातक बहुत धनी हो सकता है माना जाता है कि कुंभ वाला अपने इस जन्म में धन से घड़ा भरने आता है. कुंभ धनिष्ठा के दो चरण, शतभिषा के चार चरण और पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के तीन चरण से मिलकर बनती है. कुंभ का स्वामी शनि होता है. कुंभ के अलावा मकर वालों का भी शनि लग्नेश होता है. वैसे इस लग्न में जन्में लोग मकर वालों से ज्यादा आध्यात्मिक होते हैं. एक बात समझ लेनी चाहिए कि किसी भी जीव को कुंभ तभी प्राप्त होती है जब उसका संचित कर्म फलित होने की स्थिति में होता है. यदि कुंडली में ग्रह स्थिति अच्छी हो तो कुंभ वाले धन के मामले में अन्य लग्नों से ज्यादा भाग्यशाली होते हैं. 


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कैसे होते हैं कुंभ लग्न के लोग


सभी 12 लग्न के जातकों के बारे में जानने की कड़ी में आज 11 वीं कुंभ लग्न  के बारे में विस्तार से जानते हैं. बता दें कि लोगों में लग्न और राशि को लेकर थोड़ा भ्रम हो जाता है. कुंडली में एक लग्न और एक चंद्र राशि होती है. लग्न काफी सूक्ष्म यानी आत्मा है. जिस व्यक्ति की जो भी लग्न होती है, उसका आत्मिक स्वभाव भी वैसा ही होता है.



अच्छी स्मरण शक्ति और प्रखर बुद्धि वाले होते हैं


कुंभ वाला जातक दार्शनिक विचारों का होता है. कुंभ लग्न वाले का हृदय कोमल होता है. ऐसे जातक किसी के दुखों को देख स्वयं ही दुखी हो जाते हैं.  यह किसी को तड़पते नहीं देख सकता है. यह अपने शत्रुओं के हित में भी सोचते हैं. दूसरों के भावों से प्रभावित होकर सहज ही द्रवित हो जाता है. कुंभ वाले व्यक्ति में एक खास बात यह होती है कि दूसरों की सहायता करने को सदैव अग्रसर रहते हैं. इस लग्न वालों की बुद्धि प्रखर होती है, इनकी स्मरण शक्ति भी काफी अच्छी होती है. यह वक्त पड़ने पर दूसरों से बहुत चतुराई से अपना काम निकाल लेने में माहिर होते  हैं. 


 


आर्थिक दृष्टि से होते हैं मजबूत  


कुंभ लग्न का व्यक्ति प्रायः सुंदर होता है,  खासकर उसके होंठ सुंदर होते हैं. कुंडली में केतु की स्थिति अच्छी हो जाए तो जातक सामान्य से ज्यादा लंबा हो जाता है. कुंभ में एकादश और द्वितीय अर्थात लाभ और कोष के स्वामी गुरु ही होते हैं. साधारण सी बात है कि जब आय और कोष का स्वामी एक ही होगा तो लाभ और उसे संचित करने का तारतम्य भी बहुत अच्छा होगा. चूंकि यह लाभ गुरु करा रहा है तो वह कुछ धन धर्म के कामों में खर्च करवाता है. जिन लोगों की कुंडली में गुरु बलवान स्थिति में होता है, ऐसे जातक करोड़पति होते हैं. कुंभ वाले जातक को अपनी बात को स्वीकार न किए जाने पर बड़ा क्रोध आता है.  



सफलता पाने के जुनून में करते हैं कड़ी मेहनत   


इस लग्न वालों का क्रोध भी कुछ अजीबोगरीब तरीके का होता है. यह किस बात से नाराज हो गए हैं, पता लगाना मुश्किल होता है. फिर गुस्से में बहुत उग्र हो जाते है, अक्सर देखा गया है कि यह लोग गुस्से में अपना ही नुकसान कर लेते हैं. इन सब बातों के बाद एक बात जरूर ध्यान देने वाली है कि इनका गुस्सा बहुत जल्दी ही ठंडा हो जाता है. कुंभ वाले को यदि किसी बात में शक हो जाए तो वह उस बात की सच्चाई पता लगाने के लिए उसकी तह तक पहुंच कर ही दम लेते हैं. इस लग्न वाले व्यक्ति में सफलता प्राप्त करने का जुनून सा होता है और वह इस सफलता को पाने के लिए बहुत मेहनत कर सकता है.  


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बहुत प्रभावशाली तरीके से रखते हैं अपनी बात 


कुंभ वाले व्यक्ति में लगन बहुत होती है. इस लग्न में जातक अपनी बात को बहुत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करते हैं. इस लग्न के लोग बातचीत में अपनी पूरी क्षमता प्रदर्शित करते हैं. इस लग्न वालों के लिए शुक्र बहुत शुभ फल देने वाला होता है. शुक्र नवम और चतुर्थ का स्वामी अर्थात भाग्य और सुख का स्वामी होता है. भाग्येश होने के कारण यह परम कारक ग्रह हो जाता है. जब कुंभ वाले को शुक्र की महादशा या अंतरदशा मिलती है तब उस समय कुंभ वाले को शुभ फल प्राप्त होता है. इस लग्न में मंगल दशमेश और तृतीयेश होने के कारण यह अपने कर्म को साहस के साथ करते हैं. इस लग्न वाले जातक को अपने कर्म में सफलता जन्म स्थान से बाहर ही मिलती है और यह जन्म स्थान से दूर ज्यादा साहस के साथ काम करने में सक्षम होते हैं. 



बॉस से रहते हैं अच्छे संबंध 


कुंभ वाले जातकों की सरकार से अच्छी बनती है या फिर सरकार या बॉस की नीतियों का समर्थन करते हैं. इसके पीछे कारण यह है कि कुंभ वाले का प्राकृतिक मित्र सिंह राशि वाला होता है और सिंह का अर्थ है राजा या सरकार. कुंभ लग्न वाले जातक भाग्य पर कर्म से ज्यादा विश्वास करते हैं. शनि लग्नेश होने के कारण इस लग्न वालों को नीलम रत्न धारण करना चाहिए. नीलम के धारण करने से इनमें समझदारी, प्रतिरोधक क्षमता और आत्मबल भी बढ़ जाता है. शुक्र परम योगकारक ग्रह है, इसलिए हीरा रत्न धारण करने से कुंभ वालों को बहुत लाभ होता है. हीरे को पहनने से भाग्य में वृद्धि तो होती ही है, साथ ही भौतिक सुखों में भी बढ़ोत्तरी होती है. पन्ना और माणिक को कुंडली के ग्रहों की स्थिति देखने के बाद ही धारण करना चाहिए. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)