Astro Tips: मंदिर में इन नियमों के साथ करेंगे पूजा तभी मिलेगा पूर्ण फल, जीवन में कभी नहीं होगी पैसों की कमी
Mandir Puja Rules:मंदिर में पूजा करने के कुछ खास नियम होते हैं. अगर कोई व्यक्ति इन नियमों पर ध्यान नहीं देता है तो उसे नकारात्मक परिणामों को झेलना पड़ सकता है. ऐसे में आइए विस्तार में जानते हैं कि मंदिर में पूजा करने के वह खास नियम कौन कौन से हैं.
Temple Rituals: हिंदू धर्म में देवी देवताओं की पूजा करने के लिए मंदिर में जाना काफी शुभ मानते हैं. जहां पर भक्त अपनी मनोकामनाओं को लेकर अपने अपने प्रकार से भगवान की प्रतिमा के सामने पूजा अर्चना करते हैं. लेकिन कई बार मंदिर में पूजा करने के बाद भी भक्तों की मनोकामना पूर्ण नहीं होती हैं.
दरअसल इसके पीछे और कोई वजह नहीं बल्कि मंदिर में पूजा करने के नियमों की अवहेलना करना होता है. जिसे लेकर भक्त सचेत नहीं रहते और कई बार तो जानबूझकर वह गलतियां दोहराते हैं. ऐसे में अलर्ट हो जाए और मंदिर में पूजा करने के कुछ खास नियमों के बारे में जरूर जान लें. जिससे भगवान भक्त की निस्वार्थ पूजा से प्रसन्न हो कर उसकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करें. आइए विस्तार में मंदिर में पूजा करने के कुछ खास नियमों के बारे में जानें.
जान लें मंदिर में पूजा करने के खास नियम
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सबसे पहले भक्तों को मंदिर में पूजा करने जाने से पहले स्नान कर लेना चाहिए. साथ ही इस बात का ख्याल रखना होगा कि मंदिर में गंदे वस्त्र पहन कर पूजा नहीं करें साथ ही शौच आदि के बाद कभी भी मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए.
- दूसरे नियम में मंदिर में प्रवेश करते समय मंदिर के द्वार पर चरण रखने से पहले हाथों से फर्श को छूकर प्रणाम करना चाहिए. जिसके बाद अपने दाएं पैर को मंदिर में घूसने समय बढ़ाना चाहिए .
- तीसरे नियम में मंदिर में भगवान की आंखे और चेहरे को ध्यान से देखना चाहिए. जिसके बाद आंखें बंद कर के भगवान का ध्यान करते हुए प्रार्थना करनी चाहिए.
- चौथे नियम में भगवान को प्रसाद चढ़ाने के बाद उनसे मन में क्षमा जरूर मांग लें. यदि पूजा में कोई दोष रह गया हो तो वह जरूर माफ कर देंगे और भक्त को किसी भी प्रकार के कष्ट का सामना नहीं करना पड़ेगा.
- पांचवे नियम में कभी भी मंदिर में जाने या आने समय पात्र को खाली ना रखें खासकर की मंदिर से लौटते वक्त बिलकुल भी ऐसा ना करें. यदि ऐसा हो भी तो पात्र में फल या फूल को भर दें. जिसे घर पहुंच कर बांट दें या पेड़ पौधे में जल है तो डाल दें.
- छठे नियम में मंदिर में प्रसाद जरूर चढ़ाएं जिसके बाद इसे खुद भी खाएं और सभी में वितरित भी कर दें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)