Astrology: कुंडली में छठे स्थान में चंद्रमा, मंगल के साथ शनि ग्रह के एक साथ आने से व्यक्ति को परिश्रम का उचित फल नहीं प्राप्त होता, और इसके कारण उसके पास हमेशा धन की कमी बनी रहती है. यदि इस तरह के कांबिनेशन वाला व्यक्ति कहीं नौकरी करता है तो उससे वहां के लोग काम तो खूब लेते हैं किंतु उसे सही वेतन नहीं देते. 


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नहीं मिलता पूरा फल
कई बार तो ऐसी स्थितियों का सामना भी करना पड़ता है, कि भरपूर मेहनत करने के बाद भी उस काम का क्रेडिट कोई अन्य व्यक्ति ले जाता है. यदि व्यक्ति व्यापार करने वाला हुआ तो वह उसी वस्तु का व्यवसाय करने वाले अन्य कारोबारियों के मुकाबले कम लाभ कमाता है, कई बार उसका फॉल्ट न होने पर भी कभी सप्लायर तो कभी उसी के यहां काम करने वाले कर्मचारी खरी खोटी सुनाते हैं. इन स्थितियों में कर्ज लेकर जरूरी कामों को पूरा करने की उनकी मजबूरी होती है. 


 


व्यक्ति बन जाता है कर्जदार
आमदनी कम होने के कारण कई बार वह कर्ज की वापसी करने की स्थिति में नहीं आ पाते और फिर इस कर्ज की अवधि लंबी होती जाती है, ऐसे में जब सामने वाला व्यक्ति अपने दी गई कर्ज की रकम वापस मांगता है तो कर्ज लेने वाला बुरा मान जाता है और तकादे को अपना अपमान समझने लगता है. दरअसल जन्मकुंडली का छठा स्थान में जिस प्रकार के ग्रह होंगे उसके जीवन पर उनका प्रभाव अवश्य ही पड़ता है. 


 


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आजमाएं ये उपाय


- अंतर्मुखी न होते हुए अपनी बात सामने रखने की आदत बनानी होगी, कॉन्फिडेंस कम न होने पाए इसके लिए भी आपको ध्यान देना होगा.


अपनी कमाई का एक हिस्सा हमेशा निवेश करना चाहिए, आवश्यकता से अधिक खर्च आपके लिए कतई ठीक नहीं है.


मां की सेवा के साथ ही बड़े भाई के साथ भी तालमेल बनाकर रखना चाहिए, पैतृक व्यापार में बड़े भाई के सानिध्य में रहना चाहिए.


दिव्यांग की मदद करना और सदैव कोशिश यही करना की आवश्यकता के आधार पर ही कर्ज लें. 


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)