Rahu Chandrama Yuti: ग्रहों में राहु और चंद्रमा दोनों ही ग्रह मन पर प्रभाव डालने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माने गए हैं, ऐसे में इनकी संगति कुंडली में अच्छी नहीं मानी जाती है. जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु और चंद्रमा की युति हो जाती है तो उस व्यक्ति की मनोवृत्ति पर इसका प्रभाव सबसे पहले पड़ता है और व्यक्ति असंतुलित हो जाता है. जानते हैं इनकी संगति के कुछ प्रभाव और उपाय. 


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नकारात्मक विचार
चंद्रमा मन और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि राहु मायावी है इन दोनों ग्रहों के प्रभाव से व्यक्ति में नकारात्मकता के साथ ही आत्मविश्वास में कमी आती है, किसी भी काम को करने में इन्हें असफलता का भय पहले सताने लगता है. कई बार असफलता मिलने पर इस बात पर विश्वास करते हैं कि भूत प्रेत होते हैं और किसी ने उनके ऊपर कुछ करा दिया है. 


 


उलझनों में फंसना
ऐसे लोग भ्रमित रहते हैं और समस्याओं के आने पर उसका निवारण नहीं कर पाते हैं, बल्कि अनावश्यक उलझनों में फंसे रहते हैं. 


 


मायाजाल में फंसना
चंद्र और राहु की युति के प्रभाव से कई लोग इनके खिलाफ साजिश रचने लगते हैं या फिर यह खुद ही षडयंत्र करने वाले बन जाते हैं. सामान्य तौर पर अपने कार्यों को पूरा करने के लिए परिश्रम के बजाय मायाजाल बुनने का प्रयास करते हैं. 


 


सफल वैज्ञानिक
चंद्र और राहु की युति व्यक्ति को सफल वैज्ञानिक बनाने का कार्य करती है. साथ ही रहस्यमयी विद्याओं का अध्ययन कर उसमें पारंगता जल्दी हासिल कर लेते हैं, अपने से संबंधित विषयों को गहरी रुचि के साथ पढ़ते और समझते हैं. 


 


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उपाय- 


 


शिव पूजन
शिव की पूजा करना इनके मन को एकाग्र बनाता है, क्योंकि शिव के पूजन में आडंबर है. यह आडंबर ही इन्हें कई कार्यों में सफलता दिलाने में सहायक भी होता है.


 


कुत्ते को खाना खिलाएं
बहुत नकारात्मकता की स्थिति में कुत्ते को भोजन करना चाहिए, इससे राहु प्रसन्न होता है और अमुक व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचाता. 


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)