नए साल में आपका पीछा नहीं करेंगे शनि, लाल किताब के इन चमत्कारी उपायों से अशुभ प्रभावों का होगा नाश
Lal Kitab Ke Upay: लाल किताब में शनि के अशुभ प्रभावों से बचने और उनसे मुक्ति पाने के लिए कई उपायों के बारे में जिक्र किया गया है. इन उपायों से शनि की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति का मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाता है.
Shani Dosh Remedies: जीवन को सुखमय बनाने के लिए लाल किताब में कई उपायों का जिक्र किया गया है. जनमकुंडली में शनि जस भाव में बैठा हो, उस भाव का उपाय लाल किताब में बताए गए हैं. शनि की साढ़े साती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन में भूचाल ले आते हैं. ऐसे में इनसे बचने और शनि के शुभ प्रभावों के लिए लाल किताब में कई उपायों का जिक्र किया गया है. बता दें कि जन्मकुंडल में 12 भाव होते हैं. और शनि जिस भाव में बैठे हो, उस भाव का उपाय करने से शनि शुभ फल प्रदान करते हैं.
शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए लाल किताब के उपाय
- लाल किताब के अनुसार अगर शनि प्रथम भाव में होने पर व्यक्ति को जमीन में सुरमा दबाना चाहिए. इसके साथ ही, बरगद के पेड़ की जड़ में दूध डालकर मिट्टी से मस्तक पर तिलक लगाएं.
- दूसरे भाव में शनि के होने पर जातक को मदिरा पान और नशे की चीजों से दूर रहने की सलाह दी जाती है. इस दौरान धर्म में आस्था रखें, जूआ-सट्टा न खेंले. सपेरे को पैसे देकर सांप को मुक्त कराएं.
- शनि के तीसरे भाव में होने और घर के भीतरी कक्ष में सूर्य का प्रकाश न पहुंच रहा हो, तो इसे वास्तु में दोष माना गया है. स्वास्थ्य सुख आदि के लिए घर में उचित प्रकाश की व्यवस्था करें, जिससे आपके पराक्रम में वृद्धि हो और घर परिवार से रोग-शोक कोसों दूर रहें.
- शनि का चतुर्थ भाव सुख को प्रभावित करता है. व्यक्ति कई प्रकार के सुखों से वंचित रहता है. ऐसे में शनिवार के दिन शनि का दान अवश्य करें. रात में दूध न पीएं और मछली को दाना डालें.
- पंचम भाव में शनि के होने पर व्यक्ति को आठ बादाम मंदिर में चढ़ाने से शुभता की प्राप्ति होती है. इस दौरान चार बादाम वापस घर ले आएं. इससे शुभ फल मिलने शुरू हो जांएगे.
- छठे भाव में होने पर जल में नारियल प्रवाहित करें और काली गाय या काले रंग के कुत्ते की सेवा करने से लाभ होगा.
- सातवें भाव में शनि होने पर बांसुरी में बूरा भरकर एकांत स्थान में दबाने से विशेष लाभ होता है.
- अष्टम भाव में शनि के होने पर जीवन में उन्नति और तरक्की के चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें.
- नवम भाव में शनि के होने पर व्यक्ति को पुरानी लकड़ी, कोयला, कबाड़ा, आदि घर से बाहर कर देना चाहिए. इससे जीवन में भाग्योदय होता है.
- दशम भाव में शनि हो तो घर में हमेशा पीतल के बर्तन में जल भरकर रखें.
- ग्याहरवें भाव में शनि के होने पर सरसों के तेल का दीया जाएं. भैरव जी की आरती करें.
- बाहरवें भाव में शनि के होने पर लाल किताब के अुसार ऐसे जातकों को घर के सभी दरवाजे एक साथ खुले नहीं रखने चाहिए. कम से कम एक दरवाजा बंद रखना चाहिए. वहीं, शुभ फलों के लिए पलंग या चारपाई के नीचे लोहे की कोई वस्तु अवश्य रखें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)