Saturn Mahadasha: शनि न्‍याय के देवता हैं और क्रूर ग्रह हैं. शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या हो या महादशा, इनका नाम सुनते ही लोगों के मन में डर के भाव आ जाते हैं. शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. साथ ही शनि की धीमी चाल के कारण असर भी लंबे समय तक रहता है. शनि अच्‍छे कर्म करने वाले को शुभ फल देते हैं. वहीं, बुरे कर्म करने वाले लोगों को दंड देते हैं. शनि की दृष्टि राजा को रंक और रंक को राजा बना देती है. आज हम शनि की महादशा के बारे में जानते हैं, जो अशुभ होने पर जातक को बहुत कष्‍ट देती है. वहीं शुभ होने पर राजा जैसा जीवन देती है. 


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19 साल चलती है शनि की महादशा


शनि की महादशा करीब 19 साल तक रहती है और इस दौरान सभी शुभ और अशुभ ग्रहों की अंतर्दशा चलती है. साथ ही प्रत्यंतर दशा भी चलती है. महादशा के दौरान अंतर्दशा के अलग-अलग फल मिलते हैं. यदि कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हों तो शनि की महादशा जातक पर बहुत भारी पड़ती है. 


हर मनोकामना पूरी कर देते हैं शनि 


यदि शनि की महादशा के दौरान जातक अच्‍छे कर्म करे तो शनि देव प्रसन्‍न होकर उसकी हर मनोकामना पूरी कर देते हैं. शनि उन लोगों पर बहुत कृपा करते हैं जो हमेशा मेहनत, सच्‍चाई और ईमानदारी की राह पर चलते हैं. बेसहारा, असहाय लोगों की मदद करते हैं. श्रमिक वर्ग का सम्‍मान करते हैं. वहीं इससे विपरीत आचरण करने वाले जातकों को शनि शारीरिक, मानसिक, आर्थिक कष्‍ट देते हैं. अमीर व्‍यक्ति भी कंगाल हो जाता है. साथ ही जातकों को पूर्व जन्मों में किए गए बुरे कर्मों का फल भी शनि की महादशा के दौरान भोगना पड़ता है. 


शनि की महादशा के उपाय 


यदि महादशा के दौरान शनि की क्रूर दृष्टि से बचना चाहते हैं तो जातक को कुछ उपाय कर लेने चाहिए. साथ ही उन कामों से दूर रहना चाहिए जो शनि देव को नाराज करते हों. 


- शनि की महादशा के दौरान धार्मिक कार्य करें. ना तो अधर्म की राह पर चलें और ना ही अनैतिक आचरण करें. झूठ, चालबाजी, धोखाधड़ी, नशे से कोसों दूर रहें. वरना कंगाल होने में देर नहीं लगेगी. 


- वृद्धजनों, असहाय, अबला महिला, बच्‍चों का दिल ना दुखाएं. ना ही उन्‍हें सताएं या अपमान करें. बल्कि गरीब-असहाय लोगों की अपनी सामर्थ्‍य के अनुसार मदद करें. 


- शनि की कृपा पाने के लिए अपने माता-पिता और उनके तुल्‍य बुजुर्गों की सेवा और सम्मान करें. 


- हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. 


- पूजा के समय दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें. शनि चालीसा पढ़ें. 


- शनि देव की मूर्ति के सामने खड़े ना हों, ना ही उनकी आंखों में सीधे देखें. 


- शिव जी और हनुमान जी की पूजा-आराधना करने वालों को भी शनि कष्‍ट नहीं देते हैं. 


- शनिवार के दिन काले तिल, चमड़े के चप्पल-जूते, छाते आदि चीजों का दान करें.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)