How to please Shani Dev: शनि को न्याय का देवता भी कहा जाता है. कहते हैं कि अगर किसी जातक की कुंडली में शनि की स्थिति शुभ हो तो रंक भी राजा बन जाता है. जबकि कुंडली में प्रतिकूल स्थिति होने पर राजा के भी रंक बनते देर नहीं लगेगी. मान्यता है कि शनि देव कभी भी किसी के साथ अन्याय नहीं करते और सभी को उनके कर्मों के अनुसार उचित प्रतिफल देते हैं. इसी वजह से कई लोग शनि को निष्ठुर ग्रह भी कहते हैं. ज्योतिष के मुताबिक कुंडली में शनि की स्थिति से उसकी दृष्टि भी प्रभावित होती है. इससे जातक को भविष्य में अच्छे या बुरे परिमाण मिलने की बात भी तय हो जाती है. 


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शनि की दृष्टि जातक के लिए कब बन जाती है अशुभ?


ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक अगर किसी जातक की कुंडली में शनि मारक या अकारक स्थिति में विद्यमान हैं तो उनकी छवि भविष्य में परेशानियां पैदा कर सकती हैं. 


अगर आपकी कुंडली में शनि पर उनके शत्रु ग्रहों मंगल, चंद्र और सूर्य आदि की दृष्टि बनी हुई है तो इससे जातक के जीवन में अनिष्ट की आशंका बढ़ जाती है. 


कुंडली में अगर शनि निचली राशि में बैठे हों तो उनकी दृष्टि का भी बुरा प्रभाव होता है. ऐसे में जिन भावों में जातक पर शनि की दृष्टि पड़ती है, उससे जातक को अप्रिय परिणाम भुगतने पड़ जाते हैं. 


शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय


वैदिक शास्त्रियों के मुताबिक शनिवार की दृष्टि से राहत पाने के लिए आप शनिवार को नियमित रूप से काले कुत्ते को रोटी खिलाएं. ऐसा करने से कुंडली में शनि की अशुभता कम होती है. 


शनि को प्रसन्न करने के लिए आप रोजाना भगवान शिव की पूजा करें. वे देवों के भी देव हैं. शनि देव भी भगवान शिव की आराधना करते हैं. ऐसे में अगर आप भी शनि की वंदना करते हैं तो जीवन से कई परेशानियां दूर हो सकती हैं. 


शनिवार के दिन आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें. आपका यह दान किसी व्यक्ति को संकट से उबार सकता है. इस तरह के दान से शनि देव बेहद प्रसन्न होते हैं और जातक को अपना आशीर्वाद देते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)