Stairs Location as per Vastu: सीढ़ी ऊपर चढ़ने के लिए ही होती हैं. यही हाल जीवन का भी है एक जीव इस संसार में जन्म लेता है, बचपन में खेलते कूदते पढ़ते लिखते हुए युवा होता है. फिर नौकरी या कारोबार करते हुए जीवन यापन करता है. विवाह सूत्र में बंध कर परिवार में सामंजस्य स्थापित करते हुए अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करता. इन सारी चीजों में एक चीज कॉमन है कि वह जीवन में उत्तरोत्तर आगे बढ़ता है यानी नित नई ऊंचाई चढ़ता है. यदि व्‍यक्ति ठहर जाए या नीचे की ओर जाने लगे या उसका पतन होने लगे तो इसका कारण जरूर तलाशना चाहिए. 


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घर की सीढ़ियों का वास्तु 


जिस तरह बीमारी होने पर उसका इलाज करने के पहले डॉक्टर विभिन्न तरह की जांचें या आयुर्वेद का विशेषज्ञ नाड़ी परीक्षण कर रोग का कारण जानने का प्रयास करता है. वैसे ही जीवन में कोई समस्या आ रही है या विशेष क्रॉनिक डिजीज हो रही हैं या मानसिक तनाव जैसी कोई समस्या है तो घर की सीढ़ियों के वास्तु को जरूर चैक कर लेना चाहिए. गलत जगह पर बनी सीढ़ी कई तरह की समस्‍याएं दे सकती है, तरक्‍की रोक सकती है. वास्‍तु शास्‍त्र में घर में सीढ़ी बनाने की सही दिशा और नियम बताए हैं. 


गलत जगह पर बनी सीढ़ी देती है बीमारियां


- यदि आपको किडनी से संबंधित बीमारी हो गई है तो आपको अपने घर का जीना या सीढ़ी चेक कर लेना चाहिए कि कहीं वे गलत दिशा या जगह पर तो नहीं बनी हैं. अग्नि कोण यानी दक्षिण पूर्व दिशा में बनी सीढ़ियां किडनी से संबंधित रोग पैदा करती हैं. घर के किसी सदस्‍य को किडनी में किसी तरह का इंफेक्शन या किडनी फेल होने जैसी प्रॉब्लम हो सकती है. 


- इसी तरह पूर्व उत्तर के मध्य की दिशा यानी ईशान कोण में सीढ़ियां हों तो ऐसे घर में रह रहे लोगों के मानसिक तनाव से ग्रस्‍त होने की आशंका बहुत ज्‍यादा रहती है. यदि घर में सीढ़ी गलत जगह पर हो और व्‍यक्ति का चंद्रमा कमजोर हो तो वह मानसिक विक्षिप्‍तता की स्थिति में पहुंच सकता है.  


- यदि घर में सीढ़ियां ठीक उत्तर दिशा में हों तो उस घर के स्वामी को त्वचा संबंधी रोग होने की आशंका रहती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)