Rahu Upay: राहु दैत्य होते हुए भी अमृत पान कर वह भी देवताओं की तरह अमर होकर ग्रहों में शामिल हो गया. दैत्य होने के कारण उसमें मायावी होने का उनका प्रमुख गुण भी है. राहु यदि अच्छा हो जाए तो व्यक्ति को मालामाल कर देता है लेकिन वह बिगड़ जाए तो असाध्य और घातक रोगों का कारक बन जाता है. राहु किस तरह के रोग देता है और उससे छुटकारा पाने के उपायों को जानेगें. 


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दवा हो जाती है बेअसर


कुंडली में राहु की खराब स्थिति गंभीर और जटिल रोग तो देती ही है, कई बार रोग भी उसी की तरह रहस्यमय हो जाते हैं. व्यक्ति बीमार तो होता है, किंतु चिकित्सकीय जांच कराने में कुछ भी नहीं निकलता है. लक्षण के आधार पर डॉक्टर दवा देता तो है, लेकिन वह बेअसर हो जाती है. शरीर में इंफेक्शन होने की आशंका बढ़ जाती है, राहु का बिगड़ा स्वरुप असाध्य रोग (कैंसर) जैसी बीमारी का जन्मदाता बन जाता है. 



राहु शांति के उपाय-


राहु के प्रभाव को कम करने के लिए उसकी शांति के उपाय करने चाहिए. 



1. किसी योग्य आचार्य से राहु की शांति के लिए हवन पूजन भी कराया जा सकता है. 


2. सफेद चंदन और केसर का तिलक माथे, गले व हृदय स्थल पर नित्य लगाना चाहिए. नाभि व जीभ पर भी केसर को गंगाजल से घोल कर लगाना चाहिए.


3. चांदी के गिलास में पानी पीने से भी राहु का प्रकोप शांत होता है. 


4. रुद्राक्ष की माला पहनें और शिव जी की आराधना करें. 


 


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5. राहु से प्रभावित लोगों को कभी भी नीले, काले और जामुनी रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए. 


6. शनिवार और अमावस्या के दिन कुष्ठ रोगियों, दिव्यांगों को भोजन कराने से काफी लाभ मिलता है. 


7. राहु की नकारात्मकता दूर करने के लिए चांदी का ठोस चौकोर टुकड़ा हमेशा अपने साथ रखें. 


8. तुलसी के पौधे की जड़ के पास की मिट्टी का तिलक माथे पर करें. घर में कभी भी कबाड़ न एकत्र होने दें. 


9.  वाणी दोष के कारण राहु काम बिगाड़ रहा है तो जबान पर रोज थोड़ा सा केसर लगाएं.    


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)