Baans ke Phool: बांस में फूल आना शुभ या अशुभ संकेत! चूहों की आबादी से है कनेक्शन!
Meaning of bamboo flowers growing: क्या आप जानते हैं कि बांस में फूल आना शुभ संकेत होता है या अशुभ. क्या इन फूलों से भी कोई संबंध होता है.
Connection between growth of rats and bamboo flowers: क्या बांस के पेड़ में फूल आना शुभ होता है या अशुभ? यह एक ऐसा सवाल है, जो पिछले कई दशकों से लोगों को परेशान करता आ रहा है. लेकिन इसका कहीं जवाब नहीं मिल रहा है. मिजोरम सरकार की मानें तो वहां पर जब-जब भी बांस के पेड़ पर फूल आए, राज्य में भयंकर अकाल पड़ा और काफी लोग मारे गए. ऐसे में क्या माना जाए कि बांस पर फूल आना क्या वाकई अशुभ होता है या इसके पीछे कोई और कारण है. आज हम इस रहस्य से परदा उठाने जा रहे हैं.
जब भी बांस में फूल खिले, राज्य में पड़ा अकाल
सबसे पहले आपको मिजोरम सरकार की रिपोर्ट के बारे में बताते हैं. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 1911 में बांस के पेड़ पर फूल उगे थे. उस साल राज्य को बड़ा अकाल झेलना पड़ा था. इसके बाद 1959 में फूल तो फिर से अकाल पड़ गया और सैकड़ों लोगों को बिना अनाज के मरना पड़ गया. इसके बाद 2007 में फिर ऐसी ही आफत आई और बांस के पेड़ पर फूल खिल गए. तब भी लोगों को अकाल झेलना पड़ा था.
स्थानीय लोग इस घटना को पुकारते हैं 'मौतम'
रिपोर्ट के मुताबिक, बांस के पेड़ में फूल आना एक दुर्लभ चक्रीय घटना होती है. ऐसा करीब 40-50 साल के बाद होता है. ऐसा होने का मतलब होता है कि पेड़ अपनी जीवन आयु पूरी कर चुका है. इसके बाद उस पेड़ का अंत हो जाता है. मिजोरम में स्थानीय लोग बांस के पेड़ में फूल आने की इस घटना को मौतम कहकर पुकारते हैं.
बांस में फूल उगने और अकाल का संबंध
बांस के फूलों पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक, जब पेड़ पर 45-50 साल बाद फूल उगते हैं तो उसमें चावल की तरह के कत्थई रंग के बीज आते हैं. ये बीज चूहों को अपनी ओर तेजी से आकर्षित करते हैं. जिन इलाकों में बांस के पेड़ होते हैं, वहां पर चूहों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है. पेड़ से गिरने वाले उन बीजों को खाकर चूहों की संख्या में कई गुणा ज्यादा बढ़ोतरी हो जाती है.
किसानों की फसलों को चट कर डालते हैं चूहे
इसके बाद वे चूहे पेट भरने के लिए आसपास के खेतों और पेड़-पौधों को निशाना बनाते है. जिससे किसानों की ओर से बड़ी मेहनत से उगाई जा रही अनाज की फसलें पकने से पहले ही खत्म हो जाती हैं. चूहों संख्या इतनी ज्यादा हो जाती है कि वे पूरे के पूरे खेतों को ही चट कर डालते हैं, जिससे अकाल पड़ जाता है. यही वजह है कि मिजोरम में जब-जब बांस के पेड़ पर फूल खिले, वहां के लोगों को अकाल झेलना पड़ा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)