बरपेटा सत्र में आखिर क्यों वर्जित है महिलाएं, जानें देश में किन स्थानों पर हैं महिलाओं की एंट्री बैन
Barpeta Satra Womens Banned: बरपेटा सत्र असम राज्य के बरपेटा में स्थित एक प्रसिद्ध सत्र है, जिसकी स्थापना 1583 ई. में की गई थी और फिल्हाल वे राहुल गांधी के बरपेटा जाने को लेकर चर्चा में हैं. जानें बरपेटा सत्र का महत्व के बारे में.
Womens Banned In Satra: असम राज्य में स्थित बरपेटा सत्र चर्चा का विषय बना हुआ है. बरपेटा सत्र (मठ) की स्थापना करीब 500 साल पहले वैष्णव संत श्री श्री माधव देव ने की थी. असम में स्थित कई सत्र में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है, जिसे कई सालों पहले भी महिलाओं ने तोड़ने की कोशिश की थी. वैष्णव मठ की शुद्धता को बनाए रखने के लिए सदियों से महिलाओं को इसके अंदर जाने की मनाही थी. मासिक धर्म महिलाओं को अस्वच्छ माना जाता है. यहां पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली थी.
असम में ऐसे कई सत्र स्थित हैं, जहां पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. सिर्फ असम में ही नहीं बल्कि देश के कई ऐसे हिस्से भी शामिल हैं, जहां महिलाओं की एंट्री बैन है. आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में.
देशभर की इन जगहों पर महिलाएं की एंट्री है बैन
1. कार्तिकेय मंदिर, हरियाणा
बता दें कि हरियाणा के पिहोवा में स्थित भगवान कार्तिकेय ब्रह्मचारी है. यहां पर महिलाओं की एंट्री पर बैन है. इसलिए यहां पर महिलाओं को ये भय दिया गया है कि यहां महिलाओं को श्राप है और यही कारण बताक महिलाओं का प्रवेश बैन कर दिया गया है.
2. घटई देवी, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित घटई में भी महिलाओं के प्रवेश को बंद रखा गया है. हालांकि, यहां से अब महिलाओं का प्रवेश वर्जित है, वाला बोर्ड हटा दिया गया है. लेकिन फिर भी महिलाओं को मंदिर के अंदर जाने से रुका जाता है.
3. मंगल चांडी मंदिर, झारखंड
झारखंड के बोकारो के मंदिर के गर्भगृह से 100 फीट दूर तक महिलाओं की एंट्री को बैन किया गया है. ऐसी मान्यता है कि अगर इस 100 फीट के घेरे में महिलाएं प्रवेश करती हैं तो उनपर घोर आपदा आ सकती है. इसलिए महिलाएं इसमें प्रवेश करनी मनाही है.
4. मावली माता मंदिर, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के मावली माता मंदिर को लेकर ये मान्यता है कि यहां रात को एक पुजारी को सपना आया देवता कों महिलाएं पसंद नहीं हैं. इसके बाद से ही इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को बैन किया गया है.
5. बिमला माता मंदिर, ओडिशा
ओडिशा के पुरी का बिमला माता मंदिर में भी महिलाओं के प्रवेश को बैन किया गया है. कहते हैं कि महिलाएं मां काली की अवतार हैं. इसलिए पुरी के जगग्नाथ मंदिर परिसर में स्थित बिमला माता मंदिर में दूर्गा पूजा के दौरान 16 दिनों तक महिलाओं का प्रवेश वर्जित है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)