Bhagwat Gita: श्रीमद्भागवत गीता हिन्दू धर्म की एक पवित्र ग्रंथ है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण जी ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे वहीं गीता है. गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं जो अपने आप में काफी महत्व रखते हैं. इन्हीं में आत्मा, परमात्मा, भक्ति, कर्म, जीवन वर्णन किया गया है. कहा जा सकता है कि गीता में जीवन का सार है. 


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गीता पढ़ने से व्यक्ति को जीवन जीने की सीख मिलती है. इसी के साथ गीता से ये भी सीखने को मिलता है कि इंसान को सिर्फ और सिर्फ अपने कर्म और फल पर ध्यान देना चाहिए. जो जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही फल मिलेगा. आज हम आपको गीता का पाठ करने के लाभ और नियम बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.


गीता पढ़ने के लाभ


 


पॉजिटिव एनर्जी
श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मकता दूर हो जाती है. पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है. नियमित रूप से गीता का पाठ करने से कॉन्फिडेंस बढ़ता है और व्यक्ति अपने लक्ष्य की ओर ही केंद्रित रहता है. 


 


गुस्सा होता है कम
जिन लोगों को हमेशा गुस्सा आता है उन्हें गीता का पाठ करना चाहिए. गीता का पाठ करने से व्यक्ति क्रोध, लालच और मोह, माया से दूर हो जाता है. इन सब से दूर होने के बाद जीवन बहुत शांति के साथ बीतता है.


 


शांत स्वभाव
रोजाना गीता का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में शांति आती है. किसी भी कार्य में जल्दबाजी नहीं होती है और विपरीत स्थतियों को भी शांतिपूर्वक हेंडल करता है.


 


गीता का पाठ करने के नियम


1. गीता का पाठ हमेशा सुबह के समय ही करना चाहिए. सुबह के समय दिमाग शांत होता है और पॉजिटिव एनर्जी से भरा होता है.


2. ध्यान रखें कि गीता का पाठ हमेशा स्नान करने के बाद ही करें. इस समय आपके दिमाग में एक दम शांति होना चाहिए.


3. गीता का पाठ करने के दौरान ज्यादा किसी से बात न करें और बार-बार एक स्थान से उठने से बचना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)