Bhai dooj ki Aarti: हिंदू पंचांग के अनुसार भाई दूज का त्योहार तीन नवंबर को मनाया जाएगा. यह पर्व भाई-बहन के बीच प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस दिन बहन भाई की लंबी उम्र की कामना करती है. इसके लिए बहन पूजा करती है और भाई के ललाट पर तिलक लगाती है. इस दिन बहन अपने भाई को अकाल मृत्यु से बचाने के लिए पूजा करती है और तिलक लगाती है


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 कथाओं के मुताबिक इस बहन यमुना ने अपने भाई यम देवता को तिलक की थी. तिलक के बाद यमुना ने यम को भोजन भी करवाया था. जिसके बाद से यह त्योहार प्रचलन में आया. अगर कोई बहन भाई दूज का त्योहार मनाती हैं तो माता यमुना को प्रसन्नचित करने के लिए आरती करती हैं. इस आरती को पढ़ने से यमुना माता प्रसन्न होती हैं और भाई के ऊपर खुशियां बरसा सकती हैं.


यहां पढ़ें यमुना की आरती


ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता,
जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता


ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा


ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे


ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही


ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो


ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन 'बेचैन' भय है तुम बिन वैतरणी
ॐ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)