Pitra Dosh Nivaran: हिंदू धर्म में अमावस्‍या और पूर्णिमा को बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है, इसलिए इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्‍नान करते हैं. विशेष पूजा-पाठ और उपाय करते हैं. 21 मार्च, मंगलवार को भौमवती अमावस्‍या है. चैत्र अमावस्‍या को भौमवती अमावस्‍या कहते हैं. वैसे तो पितृ दोष दूर करने के लिए और पितरों को प्रसन्‍न करने के लिए साल की सभी अमावस्‍या बहुत अहम होती हैं. उस पर भौमवती अमावस्‍या तो पितृ दोष निवारण के लिए विशेष है. इस दिन किए गए उपाय पितरों का आशीर्वाद दिलाते हैं, जिससे घर में अपार सुख-समृद्धि, शांति आती है. घर के सदस्‍य उन्‍नति करते हैं.  


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जीवन बर्बाद कर देता है पितृ दोष 


कुंडली में पितृ दोष होना जीवन तबाह कर देता है. घर में कलह-अशांति रहती है. लगातार धन हानि और मान हानि होती है. घर के लोगों की तरक्‍की रुक जाती है. विवाह में देरी होना, वंशवृद्धि रुकना भी पितृ दोष का संकेत हो सकता है. तमाम प्रयासों के बाद भी कामों में सफलता ना मिलना, कामों में बार-बार अड़चन आना भी पितरों की नाराजगी का इशारा है. इसके अलावा घर के सदस्‍यों का अक्‍सर बीमार रहना, घर में हर समय मनमुटाव रहना भी पितृ दोष के लक्षण हैं. ऐसे में भौमवती अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करना पितरों की नाराजगी दूर करेगा और आपके जीवन में सुख-समृद्धि, तरक्‍की के योग बनाएगा. 


भौमवती अमावस्‍या पर बन रहे 3 योग 


भौमवती अमावस्‍या 21 मार्च की सुबह से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक शुभ योग और उसके बाद से शुक्ल योग बन रहा है. वहीं शाम 5 बजकर 25 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है, जो अगली सुबह तक रहेगा. इस तरह भौमवती अमावस्‍या का पूरा दिन ही पितृ दोष निवारण के उपाय करने के लिए शुभ है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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