Bhaumvati Amavasya: हिंदू धर्म में अमावस्या को विशेष महत्व दिया गया है. इस बार दिसंबर के महीने में मंगलवार 12 दिसंबर को भौमवती अमावस्या पड़ रही है. इसलिए इस अमावस्या को मंगलकारी मावस्या भी कहा जा सकता है. मान्यता के अनुसार इस दिन पूजा-पाठ करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं. इसके साथ ही इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी अलग महत्व है. वहीं मान्यतानुसार अगर आप भौमवती अमावस्या पर पूजन करते हैं तो इससे आपकी कुंडली में मौजूद पितृ और मंगल दोष हट जाते हैं. चलिए जानते हैं इस महीने कब पड़ रही है भौमवती अमावस्या और किस मुहूर्त में करनी चाहिए पूजा.


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कब है भौमवती अमावस्या (Bhaumvati Amavasya 2023) 
मार्गशीर्ष महीने में हिंदू पंचांग के मुताबिक भौमवती अमावस्या मंगलवार यानि कि 12 दिसंबर सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शुरु होकर अलगे दिन यानि कि 13 दिसंबर सुबह 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्त हो रही है. 


स्नान का शुभ मुहूर्त
इस दिन स्नान का शुभ मुहूर्त (Snan Shubh Muhurt) 12 दिसंबर की सुबह 5 बजकर 14 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 43 मिनट तक है. इसके बाद पितरों का तर्पण किया जाता है जिसका शुभ मुहूर्त 12 दिसंबर दोपहर 11 बजकर 54 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. 


भौमवती अमावस्या की पूजा 
भौमवती अमावस्या पर स्नान और दान का एक खास महत्व है. भौमवती अमावस्या के दिन सुबह उठकर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. इसके बाद पितरों का तर्पण किया जाता है. इस बार ये अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ रही है इसलिए इस दिन आप बजरंगबली की पूजा कर सकते हैं. अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो हनुमानजी की पूजा करना लाभकारी होता है. ऐसी मान्यता है कि भौमवती अमावस्या पर पूजन करने से आप पर सूर्य, अग्नि, ईंद्र, रूद्र और पितरों की असीम कृपा बनी रहती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)