Budhwar Vrat Niyam: बुधवार के व्रत कब से करें शुरू, रखने से पहले जान लें व्रत से जुड़े नियम
Budhwar Ke Niyam: हिंदू धर्म शास्त्रों में बुधवार का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है. गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है. आज के दिन सच्ची श्रद्धा से गणेश जी की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं. जानें बुधवार के व्रत कब से रखें जा सकते हैं और इससे जुड़े कुछ जरूर नियम.
Budhwar Vrat Vidhi: सनातन धर्म में गणेश जी को प्रथम पूजनीय स्थान दिया गया है. किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत गणेश जी के नाम के साथ ही की जाती है. ऐसे में बुधवार का दिन भी गणेश जी को ही समर्पित है. इस दिन सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से गणेश जी की उपासना करने से भक्तों के सभी कष्ट और दुख दूर होते हैं. अगर आप भी आज बुधवार के दिन व्रत रखने की सोच रहे हैं, तो जानें कब से बुधवार के व्रतों को शुरू किया जा सकता है और इससे जुड़े नियमों के बारे में.
बुधवार के व्रत कब से रखें
भगवान गणेश जी की कृपा पाने के लिए अगर आप भी बुधवार के व्रत रखने की सोच रहे हैं, तो बता दें कि किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के बुधवार से व्रत शुरू करना उत्तम माना गया है. व्रत 7, 11 या फिर 21 बुधवार तक करने का संकल्प लें. इसके बाद व्रत का उद्यापन करना भी जरूरी माना गया है. तभी आपको इस व्रत का पूर्ण फल मिलेगा.
बुधवार व्रत पूजा विधि
- अगर आप बुधवार का व्रत पहली बार रख रहे हैं या रखने जा रहे हैं, तो इससे पहले व्रत की पूजा विधि के बारे में जान लें. बुधवार के दिन सूर्योदय से पहले स्नान-ध्यान कर व्रत का संकल्प लें.
- इसके बाद घर के ईशान कोण में गंगाजल का छिड़काव करें और पूजा की चौकी स्थापित करें.
- पूजा के दौरान गणेश जी को पंचामृत अर्पित करें, साथ ही बुध देव का भी स्मरण करें.
- चौकी पर हरे रंग का कपड़ा बिछाएं और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें.
- इसके बाद गणेश जी को कुमकुम, सिंदूर, हल्दी, चंदन, अबीर, गुलाल अर्पित करें.
- इस दौरान गणेश जी को 11 दूर्वा अर्पित करें.
- भोग में गणेश जी की प्रिय चीजें मोदक और लड्डू अर्पित करें.
- बुधवार की व्रत कथा करें और आखिर में गणेश जी की आरती उतारें.
- शाम के समय गणेश जी की पूजा करें और सात्विक भोजन ग्रहण करें.
व्रत के दौरान रखें इन नियमों का ध्यान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर बुधवार के दिन व्रत रख रहे हैं, तो भूलकर भी नमक का सेवन न करें. इसके साथ ही बेटियों का अपमान न करें वरना आपको गणेश जी की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. इस दौरान व्रत में एक समय ही खाना खाएं. बता दें कि इस दौरान दही, हरी मूंग की दाल का हलवा आदि खा सकते हैं. साथ ही, फल और दूध आदि का सेवन भी किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)