Chaitra Navratri 2024: देवी के नौ रूपों की आराधना का पर्व है नवरात्रि, जिसकी शुरुआत आज से हो चुकी है. नवरात्रि यानी नौ दिन जो माता दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों को समर्पित है. इसका प्रारंभ मां शैलपुत्री की पूजा से शुरू होकर माता सिद्धिदात्री की पूजा पर समाप्त होता है. चैत्र नवरात्र की खास बात यह भी है कि त्रेता युग में चैत्र शुक्ल नवमी को ही भगवान विष्णु के अवतार के रूप में श्रीराम का जन्म हुआ था.


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नवरात्र के नौ दिन इतने अधिक शुभ माने जाते हैं कि मांगलिक कार्यों को करने के लिए किसी से भी शुभ मुहूर्त का विचार कराने की आवश्यकता नहीं होती बल्कि इन नौ दिनों में कभी भी अपनी सुविधानुसार  मांगलिक कार्यों को संपन्न किया जा सकता है. 


 


नवरात्रि पर खरमास का साया
इस बार की नवरात्रि में मांगलिक कार्यों की तिथि तय करने के पहले कुछ बातों पर विचार जरूर कर लेना चाहिए. 09 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल को दुर्गा नवमी एवं रामनवमी के साथ ही नवरात्रि का समापन होगा, किंतु शुरू के पांच दिन 13 अप्रैल तक मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी, इसका मुख्य कारण खरमास है. जो 14 मार्च से शुरु हो चुका है और 13 अप्रैल की रात्रि तक रहेगा. इसलिए आप मांगलिक कार्य के लिए 14 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक की तिथि का चयन कर सकते हैं. 


 


इन 5 दिन क्या करें
नवरात्र में खरमास के पांच दिनों में मां की पूजा कर आशीर्वाद तो लिया ही जा सकता है इसलिए घर में घट की स्थापना कर विधि विधान से पूजा करें. जहां तक मांगलिक कार्यों का विषय है बच्चों का मुंडन, शादी विवाह के पहले मंगनी, बरीक्षा, तिलक आदि को इन दिनों में किया जा सकता है. तीर्थ स्थल या अन्य किसी स्थान की यात्रा कर सकते हैं लेकिन दिशा शूल अवश्य देख लेना चाहिए. यदि नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो उसे भी कर सकते हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा का नाम लेकर कार्य प्रारंभ करने से वह निर्विघ्न पूरा होता है.