इन 3 मामलों में की शर्म तो होगा बड़ा नुकसान, कभी नहीं हो पाएगी भरपाई! जानें वजह
व्यक्ति में शर्म, संकोच होना अच्छी बात है लेकिन हर जगह शर्म करना ठीक नहीं है. खासतौर पर कुछ मामलों में की गई शर्म बड़ा नुकसान पहुंचाती है. आचार्य चाणक्य ने इस बारे में अपने नीति शास्त्र में भी लिखा है.
नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य बेहद बुद्धिमान तार्किक, व्यवहारिक नीतियों के ज्ञाता थे. उन्होंने अच्छा और सफल जीवन जीने के लिए बहुत काम की बातें भी बताई हैं. आचार्य चाणक्य की ये नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं. यदि उन्हें जीवन में उतार लिया जाए तो कई विपत्तियों को टाला जा सकता है. आज हम ऐसी बातों के बारे में जिनके मामले में कभी भी शर्म नहीं करना चाहिए. यदि व्यक्ति इन मामलों में शर्म करे तो उसे ऐसा नुकसान उठाना पड़ता है, जिसकी भरपाई होना मुश्किल हो जाता है.
इन मामलों में गलती से भी न करें शर्म
ज्ञान पाने में: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी अपना ज्ञान बढ़ाने में या कहीं से ज्ञान पाने में शर्म न करें. यदि इस मामले में शर्म की तो आप अज्ञानी या सीमित ज्ञान रखने वाले व्यक्ति बनकर रह जाएंगे. ऐसी स्थिति ना तो आपको जीवन में तरक्की करने देगी और ना सुखद, सम्मानजनक जीवन देगी. इसलिए ज्ञान कहीं से भी मिले उसे लेने में संकोच न करें. ना ही अपन जिज्ञासाएं जाहिर करने में, सवाल पूछने में संकोच करें.
उधार दिया पैसा वापस मांगने में : आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी इंसान की बुरे वक्त में मदद करना अच्छी बात है लेकिन वह व्यक्ति अहसानफरामोस हो जाए तो यह स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे किसी व्यक्ति को दिए हुए उधार पैसे वापस मांगने में कभी शर्म न करें. वरना लोग आपको आर्थिक नुकसान पहुंचाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देंगे. लिहाजा पैसे के मामले में अपना रुख हमेशा स्पष्ट रखें. बेहतर होगा कि देख-परखकर ही पैसा उधार दें.
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भोजन करने में: यदि कहीं भोजन करने जाएं तो खाने में संकोच न करें. आधा पेट खाने से सामने वाले की कुछ खास बचत तो होगी नहीं, यह अहसान भी रहेगा कि उसने आपको भोजन कराया. लिहाजा दूसरे के यहां भोजन करें तो अच्छे से करें वरना न करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)