Chhath Puja 2023: भारतीय संस्कृति में छठ पूजा का विशेष महत्व है. यह हिन्दू धर्म का महापर्व है, जो विशेष रूप से बिहार, झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा विधिवत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस पूजा के दौरान, व्रत करने वाले व्यक्ति सूर्य उदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का ध्यान कर उन्हें अर्घ्य देता है. छठ पूजा का व्रत पुरुष और महिलाएं सभी करते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

छठ व्रत की तिथि


छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है, जो अक्टूबर और नवंबर महीने के बीच आती है. इस साल 2023 में छठ पूजा का 17 नवंबर से शुरू होकर 20 नवंबर तक चलेगा. नहाय खाए की तिथि 17 नवंबर, खरना 18 नवंबर, डूबते सूर्य को अर्घ्य 19 नवंबर और उगते सूर्य को अर्घ्य 20 नवंबर को दिया जाएगा.


अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त


पूजा के लिए डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का समय शाम 5:26 बजे और उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय सुबह 6:47 बजे होगा.


छठ पूजा की विधि


इस पर्व के दौरान, व्रत करने वाले व्यक्ति व्रत की शुरुआत नहाय खाए से करते हैं, इस दिन घी में बने लौकी की सब्जी और रोटी खाकर सोते हैं. अगले दिन खरना होता है, इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति पूरे दिन उपवास करते हैं और शाम के समय स्नान कर पूजा करते है और गुड़ में बना खीर खाते हैं. छठ पूजा के तीसरे दिन व्रत करने वाले सभी लोग उपवास रखते हैं और घर की महिलाएं महाप्रसाद ठेकुआ बनाती हैं और फिर पूजा की सामग्री इकट्ठा कर डाल दौरा सजाते है. शाम के समय सभी व्यक्ति घर के पास की नदी में स्नानादि कर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. और अगले दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर महापार्व की पूजा को संपन्न करते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)