Pitr Dosh Upay in Hindi: हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya)  का विशेष महत्व है. दर्श अमावस्या पर चंद्र देव की पूजा की जाती है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से चंद्र देव प्रसन्न होते हैं. साथ ही, इस दिन उगते चांद को अर्घ्य देने और गंगा स्नान करने से आपको पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन पूर्वज स्वर्ग से धरती पर आते हैं और अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद देते हैं. इसलिए इस दिन पूर्वजों के लिए प्रार्थना की जाती है. दर्श अमावस्या को श्राद्ध अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. पित्र दोष से छुटकारा पाने के लिए दान पुण्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है.


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दर्श अमावस्या का है विशेष महत्व- 


- पित्र दोष निवारण और उनको प्रसन्न करने के लिए सुबह स्नानदि करके तर्पण करें. इससे पितर प्रसन्न होते हैं. और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे आपको जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. 


- जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है. उन्हें दर्श अमावस्या का व्रत रखकर चंद्रदेव की प्रार्थना करनी चाहिए. इससे उनका भाग्योदय होता है.


- धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि अमावस्या के दिन प्रेत-आत्माएं सक्रिय होती हैं. इसलिए अमावस्या के दिन बुरे कामों से दूरी रखनी चाहिए. और धार्मिक कार्यों में विशेष महत्व दें. 


- दर्श अमावस्या के दिन व्रत और पूजा की परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. ऐसे में इस दिन स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार, किसी ब्राह्मण या जरुरतमंद व्यक्ति को दान करना शुभ होता है. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. हालांकि गंगा स्नान का संयोग ना बनने पर घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)