Dev Deepawali 2024 Date: किस दिन मनाई जाएगी देव दीपावली? जब भूलोक पर भ्रमण के लिए उतरेंगे देवगण, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Dev Deepawali 2024 Date: भगवान विष्णु अपने चार महीने की निद्रा पूर्ण कर हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर जाग जाते हैं. इसके साथ ही सनातन धर्म में विवाह व अन्य शुभ कार्यों का मुहूर्त शुरू हो जाता है. इस दिन को देव दीपावली के नाम से जाना जाता है.
Dev Deepawali 2024 Date and Shubh Muhurat: सनातन धर्म में देव दीवाली का बेहद महत्व है. यह पर्व हिंदू पंचांग की कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है. दिवाली के 15 दिन बाद पड़ने वाले इस पर्व में पूजा पाठ और वैदिक मंत्रों का जाप करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है, जिससे परिवार के सारे दुख-संकट दूर हो जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन देवतागण अपने भक्तों का कष्ट दूर करने के लिए स्वर्ग से भूलोक पर आते हैं और उनके कष्टों का हरण करते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध करके पृथ्वी वासियों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी. यह पर्व भोलेनाथ के ज्येष्ट पुत्र भगवान कार्तिक के जन्मोत्सव का भी प्रतीक है.
कब है देव दीपावली का शुभ मुहूर्त?
हिंदू धर्म के पंचांग के मुताबिक, इस बार कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 15 नवंबर को सुबह 6.19 बजे शुरू होकर 16 नवंबर को देर रात 2.58 बजे तक होगी. चूंकि सनातन धर्म में उदया तिथि का ज्यादा महत्व माना गया है, इसलिए देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को मनाए जाएंगे. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में शाम 5.10 बजे से लेकर 7.47 बजे तक होगा. यानी पूजा के लिए आपको 2 घंटे 37 मिनट का शुभ मुहूर्त मिलेगा, जिसमें आराम से देवी-देवताओ की आराधना कर सकते हैं.
कैसे करें देव दीपावली की पूजा?
ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर छोड़ दें और नित्य क्रिया के बाद स्नान करें. संभव हो तो इस दिन गंगा स्नान करने जरूर जाएं. अगर ऐसा करना संभव न हो तो घर के पानी में थोड़ा गंगा जल मिलाकर स्नान कर लें. स्नान के पश्चात बहते जल में घी या तेल का दीया जल में प्रवाहित करें.
भगवान विष्णु की करें स्तुति
सनातन धर्म के विद्वानों के अनुसार, देव दीपावली पर भगवान विष्णु 4 महीने की नींद पूरी कर उठते हैं. लिहाजा आप इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा अर्चना करें. साथ उनकी स्तुति वाले मंत्रों का जाप करें. दिन में श्री विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा का पाठ करें. पूजा के बाद आरती गाकर अपने अर्चन को संपन्न करें. साथ ही स्वयं से हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें. शाम के वक्त घर के विभिन्न कोनों में दीये जलाना न भूलें. ऐसा करने से देवतागण प्रसन्न होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)